किस हिसाब से नापा तोला जा रहा है
जो गलत को सही बताया जा रहा है
तपती धूप में खड़े खड़े जल रहे हम
और उन्हें आते ही बिठाया जा रहा है-
मतलब क्या समझाये, हम क्या लिखा करते हैं...
जिनमें ए... read more
रिश्तों के कारोबार में घाटा मुनाफा सिखाया नही
हर सौदा घाटे का होगा क्यो किसीने बताया नही
रोजी गुलामी जो बनता कर लेते, कमा लेते
पर कोई पेशा और भी है किसीने सुझाया नही-
अब के गर हो तो किसी शायर से मोहब्बत हो,
इश्क़ हो ना हो हमारे दरमियाँ, बातें मगर
ख़ूब होगी, शायराना होगा, आशिक़ाना होगी।-
"बावली सी प्रीत मोरी"
अब उस बिस्तर पर मेरी, नींद नहीं आती,
चादर से मेरी, तेरी महक नहीं जाती...
लटों में फ़िरती हैं, अब भी तेरी उंगलियाँ,
बालों की मेरी, फ़िर भी उलझ नहीं जाती...
आप ही हँस पड़ते हैं, तेरी शरारतों पर,
नाभी से मेरी, तेरी छुअन नहीं जाती...
लबों से लबों के जाम, छलके थे इस कदर,
प्यालों से छलकी, तेरी कसक नहीं जाती...
वस्ल-ए-रात के निशाँ, मिटे नहीं अब तक,
दामन से लिपटी, तेरी सिसक नहीं जाती...
मदहोशी के आलम में, अर्श पर ख़ुमार थे,
सांसों में घुलती, मेरी बहक नहीं जाती...
अब उस बिस्तर पर मेरी, नींद नहीं आती,
चादर से मेरी, तेरी महक नहीं जाती!!!-
दोस्तों, valentine day के मौके पर पेश कर रहे हमारे लिखे कुछ प्यारभरे अशआर और एक प्यारी सी ग़ज़ल। इन अशआरों को और ग़ज़ल को हमने एक प्यारी सी कहानी में पिरोया है। आशा करते है आपके दिल मे उतरे।
"मिठी सी शाम - प्यार के नाम"
कहानी नीचे caption में दी गई है।-
गुनाह-नामा मे एक गुनाह दर्ज था मेरा, इश्क़ करना
एक ही था, पर अज़ीम था,
गुनाह-नामा मे एक गुनाह दर्ज था मेरा, इश्क़ करना
तौबा तौबा मेरी तौबा उमर भर की सारी नेकी तौली
पर पलड़ा है कि सज़ा पर ही आमादा रहा, गिरा रहा
इश्क़ में, गिरा रहा!-
बात फुरसत की ही नही नियत भी होनी चाहिये,
सूरत-ए-हाल से साफ़ है कोई दिलचस्पी ही नही।-
I just want to sit beside you top
on the roof or up at the stairs...
Keep looking into your eyes and
talking to you for hours n hours....
I don't care what people will think,
no matter if they think we're lovers...
But I can't to do it coz it'll make you
ashamed resulting moments in tears!!!-