sagarika sharma   (Sagarika)
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Joined 19 September 2018


Joined 19 September 2018
13 DEC 2022 AT 10:15

वो एक एहसास है
जो हर सुख दुख में साथ है
दिन हो या रात
या करनी हो दिल की कोई बात
दोस्तो के साथ बिताये हुए वो खास पल
या दुबारा वही साथ में बिताया हुआ कल
हर उस अकेलेपन का सहारा
और बारिश के मौसम में दिल ने जिसे पुकारा
जो हर दिन को बेहतर बनाए
वही तो है एक कप चाय ☕️

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11 JUL 2022 AT 23:35

वो भी क्या दिन थे...
जब ज़िम्मेदारियों से न था कोई वास्ता..
बेचैन हो गई है अब जिंदगी...
सोच समझकर चुन ना पड़ता है हर रास्ता...

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14 FEB 2020 AT 4:53

Cheers to the time we have spent together
Cheers to the moments spent without you
All these efforts and sacrifices won't go in vain
I know, you too feel the same pain
You came in my life as an answer to a question
”I need you and I love you” have been my all-time favourite confession
You are my Hero and I will always support you
You are my favourite voice and my rhythm in blues
Thank you for choosing me and for making me yours
You are the medicine that provides me with all the cures
On this Valentines, I promise to never let you down
You are my king, wearing your own earned crown

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7 FEB 2020 AT 4:46

एक खालीपन सा है,
जैसे एक अधूरी किताब या कोई अधूरी कहानी।
यादों के सहारे कब तक जीए कोई,
इन कमियों और ख़ामियो के साथ गहरी दोस्ती हुई।
एक मां ही तो है जिसको सीने से लगाकर भूल जाता था हर एक ग़म,
आज इस अंधेरे में महसूस हुआ कितनी दूर आ गए हैं हम।
ढ़ूंडा मीलों तक ना मां मिली ना मिला कोई यार,
लगता है समय की यही थी पुकार या कह लो कर्मों की मार।

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6 JUL 2019 AT 1:57

तुम एक आस हो,
और बहुत ही ख़ास हो।
मेरे पास तो नहीं,
मगर फ़िर भी बहुत पास हो।
एक एहसास..जिसकी कोई सीमा नहीं,
एक उम्मीद.. जिसका कोई अंत नहीं।
मेरी ज़िंदगी की किताब का कोई आम हिस्सा नहीं,
तुम तो ज़िक्र हो हर एक लम्हे का जो तुम्हारे बिना गुज़रा नहीं।

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21 NOV 2018 AT 14:06

अपनी बुरी आदतों से,
कि अब तुम मेरे साथी नहीं,
मैंने अच्छी आदतों को अपना हमसफर चुन लिया है।

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19 NOV 2018 AT 23:36

या तो दुनिया की सुन और करदे इंकार,
या फ़िर दिल की सुन और कर ले स्वीकार।
समय की डोर को कब तक थामू?
कबसे चिल्ला रही हूं तुझे मैं अपना ही मानूं।
रुक ज़रा..थाम ले मेरा हाथ,
और करदे वादा.. कभी न छूटे गा ये साथ।

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28 OCT 2018 AT 14:33

दूसरों की खुशियों में खुश रहकर,
अपने गमों को भुला दिया।
अपने अधूरे सपनों और ख्वाहिशों को,
हकीकत के समंदर में डुबा दिया।
कर चुके हैं नई शुरुआत,
ज़िन्दगी ने हर हाल में हंसना सिखा दिया।।

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19 OCT 2018 AT 20:40

मंज़िल का इंतज़ार करते करते।
सफर तो हसीन था,
हमने ही गौर नहीं किया।

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15 OCT 2018 AT 19:11

ज़िन्दगी की पहेली सुलझाते हुए,
कहीं ख़ुद ना उलझ जाऊं।
रहम नज़र कर मेरे ख़ुदा,
हर घड़ी तेरा साथ मैं पाऊं।।

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