sagar sahu   (मशगूल सागर...)
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Joined 17 September 2018


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19 HOURS AGO

सागर भी लग गया किनारे,
दिखा दिया मोहब्बत ने तारे।

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30 JUL AT 11:54

Aadatein,

तेरी गुफ्तगू से रोज तेरे दीदार का तलबगार था,
आदतें थी बुरी जो तेरे संग जीने को तैयार था।

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27 JUL AT 0:29

बिछड़ने वाले से मलाल क्या करता,
वो खुश था तो सवाल क्या करता।

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23 JUL AT 19:43

खैर जाने देना चाहिए उसको,
दिलचस्पी न हो तुममें जिसको।

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30 JUN AT 23:27

चाँद तो कहते है महबूब को अपने सारे,
तुम हो हमारी जिंदगी के टिमटिमाते तारे।

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26 JUN AT 0:59

आँखें अगर मेरी बोल पाती,
तो तुम्हे मेरे जज्बात सुनाती,
खामोश लब तुम समझ पाते,
तो मुझसे बिछड़ कर न जाती,
मैं तुमको मजबूत थाम पाता,
तुम मुझसे हाथ नहीं छुड़ाती,
हमारे साथ तुम जीना चाहती,
कभी मुझसे मुकर नहीं पाती।

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22 JUN AT 12:39

Raat guzar gyi magar savera nhi tha,
Vo Khwab bhi khak Khwab jisme tu mera nhi tha...

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22 JUN AT 12:15

Dil se Dil ki doori nhi hoti,
Na milne se mohabbat adhuri nhi hoti...

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21 JUN AT 0:19

मेरे नहीं बिछड़ने पर तेरे भी अधूरे होंगे,
कितने ख़्वाब जो कभी न अब पूरे होंगे।

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2 JUN AT 1:23

उसे लगता नहीं वो शख़्स उससे बिछड़ा होगा,
निभाने वाले का किरदार कितना तगड़ा होगा।

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