तुम्हारे ताल्लुकात अभी उनसे गहरे नहीं है,
सागर को जानते तो है पर उसमें ठहरे नहीं है।-
sagar sahu
(मशगूल सागर...)
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गम में भी चेहरे पर अपने मुस्कान रखने वाला सौदागर हूँ,
लोगो के दुःख की फिक्र ओर सभी मे खुशिय... read more
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Joined 17 September 2018
28 APR AT 1:01
5 MAR AT 13:11
दफनाने पड़ेंगे कितने ख़्वाब तुम्हारे साथ के,
हकीकत बदल देंगे रीति-रिवाज ये समाज के।-
25 FEB AT 0:24
आगे की मजबूरी मुझे दिखती क्यों नहीं,
पुरानी तस्वीरों में तुम बदलती क्यों नहीं,
मेरी रातों में यादों से निकलती क्यों नहीं,
ये ख्वाबों से भी तुम बिछड़ती क्यों नहीं।-