जनाब शराब पीना भी एक कला है. कम्बख्त कई गम घोलने पड़ते है, इक शीशे के प्याले मै, तभी जाके कहीं फ़क़ीर नवाब बन जाते है, रंगीन मयख़ाने मै - Alfaaz Sagar ke
जनाब शराब पीना भी एक कला है. कम्बख्त कई गम घोलने पड़ते है, इक शीशे के प्याले मै, तभी जाके कहीं फ़क़ीर नवाब बन जाते है, रंगीन मयख़ाने मै
- Alfaaz Sagar ke