यूं ही नहीं तुझे कहीं जाने से रोकता हूं,
यूं ही नहीं बाहर का खाने से रोकता हूं,
डर लगता है मुझे कि तुझे कुछ हो ना जाए,
यूं ही नहीं अक्सर तुझे हर बात पर टोकता हूं,
इस दुनिया की किताब में हर जगह मोहब्बत का जिक्र होता है,
और इस खूबसूरत किताब का एक छोटा सा टुकड़ा ही तो फिक्र होता है...
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