Sagar Kr   (Sagar kumar)
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Joined 3 March 2019


Joined 3 March 2019
11 NOV 2021 AT 13:55

मुस्कुराते चेहरे के पीछे कहीं इतना ना रो दूं मैं,
के आंसुओं से अपनी खुद को ही डुबो दूं मैं,
के मैं तो कैद कर के बैठा हूं मुझको मुझमें ही कहीं,
बस इस खौफ में कहीं खुद की सुन तुझको ना खो दूं मैं...

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10 NOV 2021 AT 10:36

वक्त की कमी के बावजूद भी कभी किसी के लिए खुशीयों का स्वेटर बुना है क्या?
तुम तो बड़ी आसानी से कह देते हो कि वक्त नहीं है तुम्हारे पास,
कभी हमारी ज़बान से ये‌ लफ्ज़ सुना है क्या?

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14 OCT 2021 AT 10:30

यूं हर पल अकेला मत छोड़ा करो हमें,
वैसे ही इस दिल को आदते लगते देर नही लगती...

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6 OCT 2021 AT 10:51

थोड़ा गौर कर लिया करो इन लफ्जों पर भी
कहीं ऐसा ना हो ये दिल की कहना छोड़ दें...

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27 SEP 2021 AT 14:37

हम मानते हैं कि तुम कुछ नहीं मानते हो हमें,
भरी महफिल तो क्या अकेले में भी नहीं पहचानते हो हमें,
हर वक्त हमारे मन के सागर से बड़ा तुम्हारे कामों का तालाब हो जाता है,
फिर क्यों कहते फिरते हो कि बहुत अच्छे से जानते हो हमें...

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4 AUG 2021 AT 23:16

मेरा वाला सारा वक्त उसके और कामों में उलझ रखा है,
फिक्र से कुछ पूछो तो कहती है तूने मुझे बच्चा समझ रखा है?
मगर जान तू जान ले कि मैं शक नहीं करता इन बातों पर,
क्योंकि तेरी मोहब्बत का धागा मेरी नजरों में बड़े ही प्यार से सुलझ रखा है,
और वैसे भी गेहूं से गेहूं को बिनता कौन है?
खामियां तुझ में भी है,
पर तेरी मोहब्बत के आगे इन्हें गिनता कौन है...

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24 JUL 2021 AT 19:38

Humne Ghanton ko Dino me badlna chaha or Sab minton me badal gaya...

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13 JUL 2021 AT 15:54

यूं ही नहीं तुझे कहीं जाने से रोकता हूं,
यूं ही नहीं बाहर का खाने से रोकता हूं,
डर लगता है मुझे कि तुझे कुछ हो ना जाए,
यूं ही नहीं अक्सर तुझे हर बात पर टोकता हूं,
इस दुनिया की किताब में हर जगह मोहब्बत का जिक्र होता है,
और इस खूबसूरत किताब का एक छोटा सा टुकड़ा ही तो फिक्र होता है...

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13 JUL 2021 AT 15:11

Ye shak bhale hi bura ho Par hota humesha unhi par hai jinhe hum Acha manta hai,
Verna Jinhe hum bura mante hai unpe Shak karne ka vakt kise hai?
Vo to bas yakeen ke hakdaar hote hai...

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2 JUL 2021 AT 18:47

Barish tabhi hoti hai jab badal aane lagte hai,
Badkismat ho to khushi me bhi gam ke mausam chhane lagte hai,
Kon kehta hai ke kisi ke door jaane ke baad hi uske door jane ka ehsaas hota hai,
Janab Log to door jaane se pahle hi bahut door jaane lagte hai...

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