आता ये सावान फिर आपके इंतज़ार में गुज़र जाएगा।
बीतता हुआ साल फिर आपके इंतज़ार में गुज़र जाएगा।
धड़कता ये दिल फिर आपको नई आस से बुलाएगा।
फिर वही सुनहरे गीत मदहोशी से गुनगुनाएगा।
आपकी अदाओं का सपना फिर इन आंखों को जगाएगा।
फिर सच्चाई का एहसास हमें खूब तड़पायेगा।
ये फूल, हवा, धूप, छांव, सूरज, चांद, सितारे फिर वही सवाल पूछते हैं कि,
तेरा मेहबूब कब आएगा, तेरा मेहबूब कब आएगा।
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