Sagar   (Sagar)
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I am Improving✍️.
Joined 11 January 2023


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23 JAN 2024 AT 23:48

कुछ कीमत हमारे इश्क की भी लगाई होती तुमने तो पता चलता हमने दिल-ए-पत्थर को पिघला कर तुम्हारे लिए सोना बनाया था।

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18 JAN 2024 AT 20:51

मेरा सच्चा प्यार मेरा संसार हो तुम,
दिल के करीब जो है वही यार हो तुम,
दिल की असीम खुशियों का दरबार हो तुम,
मधम सी बारिश की वो झंकार हो तुम,
मेरी बातों में हर सुबह से शाम हो तुम,
फिर भी ना जाने क्यों प्रेम के सागर के उस पार हो तुम।

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15 JAN 2024 AT 22:42

ना चाहते हुए भी ज़माने के साथ चल रहे हैं,
जानते हुए भी उस अंत की ओर बढ़ रहे हैं,
ना जाने कब मुस्कान छीन जाए चेहरे की,
बस यही सोच कर हर छोटी ख्वाहिश को पूरा कर रहे हैं।

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12 JAN 2024 AT 0:42

हमसे अबतक जुदा ना हुआ....
नशा तुम्हारी निगाहों का
जादू तुम्हारी अदाओं का
सुकूं तुम्हारी जुल्फो की छाओं का
असर तुम्हारी बांहों का
और, इंतज़ार तुम्हारी राहों का

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8 JAN 2024 AT 23:10

यूं ना गुमसुम हो कर हमसे नज़रे चुराइये
कुछ अफशाने हमारे सुनिये कुछ अपने गुन-गुनाइए
कुछ अनकही बातों से पर्दा तो उठाइए
कुछ राज़ हमारे सुनिये कुछ अपने सुनाइए
कभी तो अपने मन की गहराई से नाम हमारा बुलाइए
कभी मैं आपके दिल को बहलाऊं कभी आप हमारे दिल को बहलाइए

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2 JAN 2024 AT 22:15

जिन्हे चाँद समझा वो यूँही आम निकले
जिन्हे दिल दिया अपना वो महफ़िलो में बदनाम निकले
जिन लबो को होठों से लगाया वो जहर भरे जाम निकले
जितनी कीमत हमने लगाई थी अपने प्यार की
जितनी कीमत हमने लगाई थी अपने प्यार की
उससे कई कम तो उनकी मोहब्बत के दाम निकले

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29 DEC 2023 AT 22:51

एक बार दिल में आना तो, घर बसा ही लेना
उस घर का कोना कोना मोहब्बत से, सजा ही लेना
सबर करके बैठे हैं हम इंतज़ार में तुम्हारी-
सबर करके बैठे हैं हम इंतज़ार में तुम्हारी-
जब हमसे मिलने आना तो, बांहों में समा ही लेना

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23 DEC 2023 AT 20:51

आता ये सावान फिर आपके इंतज़ार में गुज़र जाएगा।
बीतता हुआ साल फिर आपके इंतज़ार में गुज़र जाएगा।
धड़कता ये दिल फिर आपको नई आस से बुलाएगा।
फिर वही सुनहरे गीत मदहोशी से गुनगुनाएगा।
आपकी अदाओं का सपना फिर इन आंखों को जगाएगा।
फिर सच्चाई का एहसास हमें खूब तड़पायेगा।
ये फूल, हवा, धूप, छांव, सूरज, चांद, सितारे फिर वही सवाल पूछते हैं कि,
तेरा मेहबूब कब आएगा, तेरा मेहबूब कब आएगा।

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11 DEC 2023 AT 22:46

आज फिर खड़े है उनके दरवाज़े पर
आज फिर खड़े है उनके दरवाज़े पर
अपने हक की खुशियां मांगने
जिन्हे देना न देना उनके हक में है।

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8 DEC 2023 AT 23:13

हमनें लिख कर खत अपने प्यार का इज़हार भी किया।
लिखी गई सभी बातो पर एतबार भी किया।
आँखो का ईशारा इक बार नहीं दो बार भी किया।
पर उन्हें हमारी मोहब्बत मंजूर नहीं थी शायद
पर उन्हें हमारी मोहब्बत मंजूर नहीं थी शायद
इसलिए तोफ़ा हमारे दिल का उन्होंने स्वीकार न किया।

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