A woman's love depends on circumstances and
a man's love depends on women...!!!-
जब यक़ीन की बाहो पर शक के पैर पड़ जाये
तो चूड़िया बिखने में देर कितनी लगती है-
मैं नहीं कहता मुझे औरों से बेहतर चाहिए
मुझ को जितनी है ज़रूरत उतनी चादर चाहिए
हैं परेशाँ इस लिए भी लोग अपनी प्यास से
प्यास की ख़ातिर सभी को इक समुंदर चाहिए
मुद्दतों भटके हैं मेरे ख़्वाब सारे दर-ब-दर
बे-घरों को सर छुपाने के लिए घर चाहिए
घूमना फिरना अगर होता तो दुनिया है पड़ी
इक जगह रहने को तेरे दिल के अंदर चाहिए
इश्क़ में दिल की अमीरी काम आती है मगर
वो मोहब्बत क्या करेंगे जिन को गौहर चाहिए
चार दिन की चाँदनी से ज़िंदगी कटती नहीं
चाँदनी तो हम सभी को ज़िंदगी भर चाहिए
ये कहाँ की रीत है जब मन किया तो मिल लिए
चाहिए तेरी मोहब्बत और अक्सर चाहिए-
ऐसा नहीं कि हमको महफिल में बुलाया नहीं गया
बस पास बुला कर बिठाया नहीं गया
खुद को सताया हुए देखा है हमने
इसलिए किसी ओर सताया नहीं गया
खुद्दारिया भारी हैं मेरे मिजाज में
खुद को गिरा कर आगे बढ़ाया नही गया
मैं जानता था पानी का बहाव तेज है
इसलिए मुसाफिर को सागर के पार उतारा नही गया
हमने तो वफा हर रोज की
मगर उससे तो कभी कभार निभाया नही गया
उसके बाद भी कितनीयो के साथ रहा मैं
मगर पहले पहल का प्यार भुलाया नही गया-
मुझे ना पूछो जवानी की अहमियत
रेगिस्तान में पूछो पानी की अहमियत
लोगों ने सिर्फ सुनकर बजा दी तालियां
किरदार से पूछो कहानी की अहमियत
नई दोस्ती कितनी भी हो जाए नए लोगों से
रहती है जिंदगी में पुरानी की अहमियत
आज भी हम जकड़े हुए हैं पुराने रिवाजो में
आज भी राजा के बाद आती हैं रानी की अहमियत-
हौसला जिनका होता है उड़ान में
उड़ना जो चाहते हैं
वो ही उड़ते हैं आसमान में
बड़ी हरत की बात है दोस्त
जहर और शहद रहते हैं एक ही जुबान में
मेरी तन्हाई कटे भी कैसे
मै एक अकेला शख्स रहता हूं एक बड़े से मकान में
में लेकर घुमा शहर दर शहर अपने गम
मगर बिके नही किसी दुकान मे
आप बहुत किस्मत के अच्छे हैं वरना
वो लोट कर नही आते जो फसे हो सागर के तूफान में-
इश्क पहले फूल फिर खंजर दिखता है हमें
ना पूछो दोस्त का क्या क्या मंजर दिखता है हमे
ये दुनिया कहने की कुछ और करने की कुछ और है
वक्त आने पर पता चलता है कौन कितना चाहता है हमे
इश्क ना पूछो क्या क्या करवाता हम से
इतने चक्कर तो पृथ्वी भी सूरज के नहीं लगती होगी
जितना इश्क भगाता हैं हमे
इश्क बस बड़े घर की रिवायत है
इश्क रात भर सड़कों पर नाचता हैं हमे-
मेरे हक में तू एक बात कर
मेरी गलती है तो मुझे माफ
हमारे रिश्ते पर भी जमी है तस्वीर की तरह धूल
एक दिन वक्त निकालकर तू इसे भी साफ कर
लोग ऐसे ही अहमियत नहीं देंगे सागर तुझे
जिंदगी में कुछ ना कुछ खास कर
लिखने के लिए भी तुझे मेरी जरूरत पड़े
खुद को कमल नहीं दवात कर-