Sagar Bheemge  
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दर्द बदनाम तो नहीं होगा ....!!❤️❤️
Joined 11 August 2019


दर्द बदनाम तो नहीं होगा ....!!❤️❤️
Joined 11 August 2019
15 AUG 2021 AT 23:18

हम भी आशियाना अपना, बना लेते तो देखते !
अंधेले में रोशनी जरा, जला लेते तो देखते !

गुम नाम सा है, सुना है चांद सा है वो,
तस्वीर अपना वो कहीं, लगा लेते तो देखते !

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26 JUL 2021 AT 22:33

जैसे रहता है चांद आसमां पे !
मेरे कमरे की तुम भी खुश्बू बन जाओ !!

ये सावन का महीना, ये रिमझिम सी बारिश !
बेचैन रातों की तुम आरजू बन जाओ !!

जैसे देखता हूं, तुम्हें सपनो में रोज रोज !
मेरे सामने आओ, वैसे हूबहू बन जाओ !!

तुन्हें सजा लूं कमरे में, किसी मूरत जैसे !
मेरे दिल की तुम सनम आबरू बन जाओ !!

मैं भटकता सा हूं, सीने से लगा लो मुझको !
मैं साजन बन जाऊं, तुम मेरी महेरू बन जाओ !!

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26 JUL 2021 AT 22:29

खामोश हूं, कुछ लब्ज़ बाकी ही नहीं !
मेरी वफा का, ये कैसा सिला है !!

ऐसी बेवफाई कभी किसी को न मिले!
जो मेरे मोहब्बत के बदले में मिला है !!

मेरे इश्क ने ही, मुझसे धोका कर दिया !
उससे नहीं अब मुझे खुद से गिला है !!

मेरी सौहरत क्या कम थी, जो ऐसा कर डाला !
नशा ए जिस्म है उसे, मेरा यार बहुत नसीला है !

हर महंगी चीज खरीदने की हैसियत है मेरी !
सब फीका है आज है ये कैसा सिलसिला है !!

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25 JUL 2021 AT 16:22

जी घबरा क्यूं रहा, मैं परेशां क्यूं हूं !
किससे बात करती है वो, इतनी रात गए !

कहीं उसके दिल में, कोई और तो नहीं !
यही सोच के हम पागल हो दिनरात गए !

कुछ कह ना सका, क्यूं खामोश हो जाता हूं !
करने तो कई दफा, उनसे मुलाकात गए !

कुछ ख्वाब मेरे, बिखरते क्यूं नजर आ रहे !
लगता है अब, बिखर सारे जज़्बात गए !

मेरे रातों में, बारिश ए माहौल कभी हुआ नहीं !
जबकि दो महीनों के बीत, बरसात गए !

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25 JUL 2021 AT 16:16

Online थे तुम देर रात मगर, किसी और से !
वो बेचैन है, बस यही सोच कर बार बार !

कहीं तेरी जिंदगी के ख्वाब में, कोई और तो नहीं !
परेशां है वो, बालों को अपने नोच कर बार बार !

तुम्हें सच्ची मुहब्बत क्यों, नजर नहीं आ रही !
क्यों रुलाती हो उसका दिल, खरोचकर बार बार !

कमजोर है दिल, दर्द छलक जाता है !
बेचारा आंशू छुपाता है वो, पोंचकर बार बार !!

और किसी को दिल ने रखने का वादा किए हो !
मत फेंकों उसी का दिल नोचकर बार बार !

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14 JUL 2021 AT 21:29

बस दो आखिरी अल्फाज, याद है मुझको !
कि वो मुझे इक दिन, सॉरी कहके चली गई !

वादा था उसका, बसेरा दिल में हमेशा रहेगा !
देखो ना, वो कुछ दिन ही बस रहके चली गई !

क्या खारा था मोहब्बत मेरा, या पकड़ कमजोर थी !
फूटा बांध इश्क का, और वो बह के चली गई !

मेरे दिल का हाल तो देखो, भटक रहा है !
उसकी खोज में, दिल सीनें से निकल के चली गई !

जिस राह से गुजरी है, रास्ता खराब है बहुत !
मेरे पैरों में कांटे चुभ रहे, लगता है वो संभल के चली गई !

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14 JUL 2021 AT 21:19

दौड़बारी इस जिंदगी में, परेशाँ हैं सब !
काम के चक्कर में, जिंदगी जीना छूट जाता है !

कुछ बुरे चीज़ें, अच्छे के लिए भी होते हैं !
उतर जाता है बुखार, जब पसीना छूट जाता है !

और अगर बीवी थोड़ी समझदार मिल जाए !
सच कहूं अच्छे अच्छों का, पीना छूट जाता हैं !

वैसे हमारे परेशानियां भी, कुछ कम नहीं हैं !
वेतन हमारा भी, महीना महीना छूट जाता है !

तुम भी बेवकूफों से, कुछ कम नहीं हो सागर* !
गुलाब लाते हो, डर के मारे उसे देना छूट जाता है !

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13 JUL 2021 AT 20:05

घर नहीं है, ना ठिकाना रहने का !
फिरते हैं दरबदर, ये बंजारे लोग हैं !!

साधन नहीं है, तो परेशान हैं बहुत!
ये जो खड़े, सड़क के किनारे लोग हैं !!

बस तेरी निगाह, बनी रहे ए खुदा !
इतने भीड़ में भी ये, बे सहारे लोग हैं !!

ना बारिश के झिपारों से बचे, न धूप से !
भूखे पेट भी कई, दिन गुजारे लोग हैं !

किसी के दर्द को देखकर, नजरअंदाज करते हैं !
अपनी नजरों में रखते, कैसे ये नजारे लोग हैं !

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12 JUL 2021 AT 22:59

दिल ए किताब के, पहले पन्ने पे तुम हो !
कौन कहता है कि मैं तुम्हें अपना नहीं मानता !

मेरे पलकों की, नजरों के आरजू हो तुम!
तुम हकीकत हो मेरी, मैं तुम्हें सपना नहीं मानता !

इतनी दफा देखा है, फिर भी जी नही भरता !
ये दिल कमबख्त तुम्हें, देखे बिना नहीं मानता !

तेरे दिल में हूं, मानो जन्नत में रहता हूं !
मेरे घर को अब, अपना ठिकाना नहीं मानता !!

रोज रोज दिल का पूछना, वो क्यों नहीं आती !
तुमसे मिले बिन, ये आशिक तेरा पुराना नहीं मानता !!

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11 JUL 2021 AT 21:41

मेरे महसूसोंं से, कोई खिलवाड़ कर रहा !
इश्क मेरा कहीं, बदनाम तो नहीं होगा !!

इस रात जी घबरा क्यूं रहा, मैं बेचैन क्यूं हूं !
कहीं वो किसी और के, दरमियान तो नहीं होगा !

देखी है आज किसी और से तस्वीर उसकी !
उसके झूठे बहाने, मेरी वफा का इनाम तो नहीं होगा !!

भूल जायेंगे मुझे, औरों से दिल्लगी करके !
कहीं मेरी मोहब्बत का ऐसा, अंजाम तो नहीं होगा !

मत करो मोहब्बत कि बेचैनियों से दूर रहोगे !
कम से कम खुश रहोगे, दिल परेशान तो नहीं होगा !

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