sadhna tripathi   (स्नेहा)
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Joined 22 April 2019


Joined 22 April 2019
3 MAY 2024 AT 23:20

खुशियों की मेरी पहचान हो तुम ,
दिल का अज़ीज़ अरमान हो तुम ।
सूना सा लगा जब ये जीवन ,
इसमें लायी तब जान हो तुम ।
सबकी दुलारी मेरी गुड़िया रानी ,
माँ-पापा की अपने शान हो तुम ।
हमारी छोटी सी दुनियाँ में ,
ख़ुशबाशी का आव्हान हो तुम ।
मेरी प्यारी, मेरी बिटिया , मेरी नन्हीं परी ,
मेरे सपनों की जान तुम ।
मेरी दिल की ज़मीं का ,
सतरंगी आसमान हो तुम ।
मेरी परछायी , मेरी दोस्त और मेरी समीछक ,
ऊपर वाले का दिया वरदान हो तुम।
१० बरस से मन की बगिया में ,
बहार का परवान हो तुम ।
हम सबकी जान हो तुम ।।

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14 FEB 2023 AT 12:56

बात भले ही बंद हो जाये ,
पर इत्तिफ़ाक़ कम नहीं होते ।
वो दूर भले हो चाहें जितना भी,
उनके दिल में धड़कने के क़िस्से ख़त्म नहीं होते ।

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21 JAN 2023 AT 0:11

ये सर्द शाम और मख़मली यादों का ख़ुमार ,
हाथ में गर्म चाय की प्याली और दिल में पश्मीना सा प्यार ।

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10 JAN 2023 AT 14:42

मेरी पहचान मेरा ईमान है हिंदी ,
मेरे हिंद की भाषा इसका गौरव और अभिमान है हिंदी ।

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20 DEC 2022 AT 21:57

तुम सबसे मिलके इतने सालों बाद,
अपने अंदर के बच्चे को जीवित कर लिया।
बचपन के लम्हों को पुनः जिया और,
यादों का पिटारा फिर से भर लिया।

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16 NOV 2022 AT 21:22

यूँ तो कई बार किया हमने दिल को फ़ॉर्मैट ,
तेरा नाम हर दफ़ा रह ही जाता है ।

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10 NOV 2022 AT 21:07

ख़याल उसे शायद मेरा आया है फ़िर।
हवा भी मानो आयी है होके उसकी गली,
यादों का सैलाब उमड़ आया है फ़िर।
कोई वास्ता ही नहीं जब दोनों के दर्मियां,
क्यूँ अक्स वही इन आँखों में गहराया है फिर ।
वो ख़याल जो दफ़्न है मुझमें ही कहीं ,
क्यूँ दिल की सतह पे उतर आया है फ़िर ।

-स्नेहा





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18 JUN 2022 AT 22:59

खिलखिला उठता है मन का आँगन मेरा ,
और आँखें तेरे अक्स से रोशन हो जाती है ।

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18 JUN 2022 AT 22:55

तू ना सही तेरी तस्वीर सीने से लगाए फिरते हैं ,
तेरी यादें तेरी हर बात दिल में दबाए फिरते हैं ।
शामें अपनी तेरे तसव्वुर में डुबाए फिरते हैं ,
तुझमें जाने क्यूँ खुद को गुमाये फिरते हैं ।
इसमें न सही सपनों के जहां में तो तू सिर्फ़ मेरा है ,
कुछ इस तरह से दिल को बहलाये फिरते हैं ।
कैसी है जुस्तजू क्या है ये कश्मकश ,
खुद ही खुदको हम आज़माए फिरते हैं।

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8 MAY 2022 AT 11:42

तुमसे ही हूँ जो भी हूँ मैं ,
मेरे जीवन का सार हो तुम ।
मेरी हिम्मत मेरी ताक़त तुम ही हो संबल मेरा,
मेरी इस नन्हीं सी दुनिया का आधार हो तुम।

एक है जननी जिसने मुझे पाला ,
दूजी वो जिसने निखारा और सम्भाला ।
तुम दोनों ही हो प्रेरणा मेरी ,
इस जग में मेरी नैया की पतवार हो तुम और मेरी सबसे अच्छी सलाहकार हो तुम ।

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