और उनमें इंद्रधनुषी भावों के
रंग भरें
फिर
उनसे सजाएं
किताबों की गुफाएं-
Sadhna Harish
(Sadhna)
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I write to hear me...
Joined 8 August 2017
8 DEC 2024 AT 12:08
धरणी धीरज धारती, कब यह होय
अधीर।
मुस्काती,मुकलित सहे,असह अनोखी पीर।।-
8 DEC 2024 AT 12:06
जीता जब जब जीयरा,तब तब तेरी जीत।
हिय हारा हिम्मत जभी,जीत नहीं है मीत।।
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3 DEC 2024 AT 10:53
नर नारी पूरक सदा, नहीं भिन्न पहचान।
परिधि बना रखना नहीं,रहे केंद्र सम्मान।।
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