इंतज़ार लम्बा हो तो चलता है लेकिन एक तरफ़ा हो तो तकलीफ़ देता है...
-
Itna pyr hogya h tumse ki ab tho khawabo mai bhi tum aane lage ho ab jaha dekhu nazar sirf tum aane lage ho
-
अनगिनत धोखे खाकर
कई चाहने वालों की मौते देख कर
अब मैं एक ऐसे मुकाम पे आ पहुंचा हूं की
नहीं मुझे किसी चीज के मिलने खुशी होती हैं
नहीं किसी चीज के खो जाने का दुःख
मेरे अच्छे और बुरे दोनों वक्त गुजर चुके हैं
अब मैं सिर्फ एक हवा हूं जो कभी इस दर तो कभी उस दर कभी दर बा दर जिस की ना कोई मंजिल है ना कोई ठिकाना-
हर रोज खुद को अजमा रहे हैं हम
मरते नहीं हैं फिर भी कब्रों मैं दफनाया जा रहे हैं हम
खता आदम ने की थी सजा क्यों भुगते जा रहे हैं हम
रोज एक नये सफर मैं जाते हैं लेकिन कहीं नहीं जा रहे हैं हम
इधर-उधर कमरे मैं क्या तलाश रहा हूं गुम तो कुछ भी नहीं हुआ हैं फिर क्या ढूंढ रहे हैं हम
जिंदगानी दे रही है रोज नये गम
पागल हैं जो मुस्कुरा रहे हैं हम
अब तेर हुस्न के चर्चे भी खत्म मेरी वफाओं नें भी तोड़ डाला हैं दम
बंद करो यें किताबें मोहब्बत हम दोनों का किस्सा खत्म बेजार हो गई हो तुम बर्बाद हो गए हैं हम-
हो अगर जहां में कोई हम सा तो हमसे मिलाएं कोई
आखिर कब तकचुप बैठेंगे हम
हम भी तो अपना हुनर आजमाएं कहीं
जमाने भर के समुंदरों को कशकोल मे भर के ले आओ मुझ मोहब्बत के प्यासे कलंदर की प्यास तो बुझए समंदर कोई
उन्हीं को दे दो सारे भाले सारी बर्छिया मुझ नी हाथे की कलम से जीतकर तो बताए तो कोई
जाना हो समंदर के उस पार किसी को तो हम को बतलाए
हम भी तो लिख के नाम अपना पत्थरों पर तेराये कहीं
हो अगर जहां में कोई हम सा तो हमसे मिलाएं कोई-
बड़ी बेरंग है जिंदगी इसमें रंगे सुखन भर दो
या तो मेरा जीना दुश्वार कर दो या मेरा मरना आसान कर दो
बड़ा बेवफा हूं मे यहां जमाने की नजरो में तुम अपनी मोहब्बत से नवाज के मुझे बवफा कर दो
यू दूर रहकर घुट घुट के मरने की सजा ना दे ज़ालिम पास आओ जरा मेरे होठों पे अपने होंठो रखो दो और मेरा किस्सा तमाम कर कर दो-
जब जिस्म से जिस्म मिलता है तो वो इश्क़ नहीं बजार होता है जब हुस्न से दिल मिलता है तो इंसान हवस का शिकार होता है जब दिल से दिल मिलता है तो इश्क़ ला जवाब होता है
-
मैं अपने आप को तमाशा बना लेता हूं कभी-कभी तो खुद को कहकशा बना लेता हूं तुम्हें अपने हुस्न शक्लो सूरत पे नाज है बहोत है जान अ मेरे लिखे किरदारों में मेरी कलम ही खुदा है न जाने कितने तुम्हारे जैसे हुस्न अपनी कहानियों में लिख कर हर रात मिटा देता हूं
मे आपने आप को तमाशा बना लेता हूं-