कौन हूं?
मैं नारी हूं, खो कर सब कुछ जीवन में विरता से खड़ी रहु
वो बलशाली हृदय रखने वाली काली हूं
दुर्गा हू हर उस महिषासुर के खातिर जो मुझे अबला कहता हँसता है मेरे अस्तित्व पे,
वंश का वंश बढ़ा दे, चाहे तो हर वंश का नाश करा दे,
वो नारी हूं जो जननी है, मृत्यु है, शक्ति है और हर दुख सुख में साथ खड़ी कृष्ण की राधे शिव की गौरी है
मेरे अन्दर उबलता आग मेरे अस्तित्व का एक अनूठा भाग है दया की देवी मैं, मेरा स्वाभिमान मेरा सिंगार है
मैं ही अब हर दुख हरनी हूं, सुख शांति और समृद्धि हूं,
चाहो तो मैं नारी तुम्हारे भाग्य सवार दूं,
अबला जो समझो तुम मुझको विनाश का हर द्वार दिखा दूं।
हां मैं नारी हूं 👉👈
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