Sachin Umale Sk   (@thoughts_sk©)
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aouther of book "Heart-Beats"
Electrical engineer.
Joined 21 April 2018


aouther of book "Heart-Beats"
Electrical engineer.
Joined 21 April 2018
29 SEP 2021 AT 22:45

"मुर्दों" से नही,
"जिंदा" लोगो से डरते हुए,
एक औरत,
बस्तियां छोड़, शमशान आ बैठी......!

देते हुए अपने "बेगुनाही" के इम्तिहां
अपना "सम्मान" लुटा बैठी,
एक औरत,
बस्तियां छोड़, शमशान आ बैठी.......!

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29 SEP 2021 AT 10:31

उन बातों को न छुपा तू मुझसे
जो "इक़रार" तेरी आँखे किया करती है.....

हा जनता हु "इनकार" है तेरे होठो पे
फिर भी हम तुमसे,
"मोहब्बत-ऐ-इजहार" किया करते है.......!

तेरी केसुओ में उलझें ये बादल
मेरी मोहब्बत का हिसाब मांगते है,
एक मोहब्बत ही तो हैं,
जो हम तुमसे बेहिसाब करते हैं...........!

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25 SEP 2021 AT 22:35

शर्तो में जिया करते है हम
तजुर्बों को लिया करते है हम,
मजबूरी तो खैर कुछ नही
बस,जिम्मेदारीया उठाये हैं हम......।

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15 AUG 2021 AT 11:37

Happy

Independence

Day..!

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9 JUL 2021 AT 11:21


//: PSYCHOLOGY FACT ://

"If we have a plan B, our plan A is less likely to succeed"


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1 JUL 2021 AT 12:35

आला म्रुगाचा पाऊस
स्रुष्टी ओलि चिंब झाली
बळीराजाची मती
आनंदाने गूंग झाली.....

घामाचे करूनी पाणी
त्याने पेरली जमीन
घर बांधुनी आशेचे
मन विसावे त्याचे......

भरं सनाच्या दिवशी।
घाई कामाने त्या केली
सोनं पांढर वेचन्या
ओढं जिवाला लागली......

येता वारे बेभावाचे
घर उध्वस्त आशेचे
असेच का जिवन ?
देवा,या बळीराजाचे......

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11 JUN 2021 AT 16:57

अब कैसे बताऊ के,
नदियों को समंदर में मिलते देखा है,
तो समंदर को बवंडर में बदलते देखा है मैंने.....

देखा है मैंने हवाओं को
तूफानों में बदलता,
उन्ही तूफानों को घरों को
उजाड़ता देखा है मैंने.....

अरे गुरुर किस बात का है,
थोड़ा झुख भी लीजिये.......

देखा है समंदर को भी
रेगिस्तान में बदलता,
तो तूफानों को भी
एक छतकी तलाश में देखा है मैंने.....

इतना भी क्या संग दिल होना
के पत्थर हो जाओ,
इतनी भी क्या नरमी
के एक ठोकर में बिखर जाओ......

आखिर पत्थर को भी मिटटी होते देखा है,
तो रहो में पत्थर बिखेरते लोग भी देखे है मैंने......

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20 MAY 2021 AT 15:00

"I think, humanity is the one who can understand the pain of trees and animales"

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11 FEB 2021 AT 16:00


तोड़ देंगे हम ख़ुद ही दिल अपना,
अग़र मुज़से दिल तुम लगाना चाहते हो......!

अब कैसे बया करे
हम ये नफ़रत,
मिटा देंगे हम ख़ुदही ख़ुदको,
अगर तुम हमें जिंदगी बनाना चाहते हो......!

पर नाम तुम्हारा ही,
सुझाया करेंगे हम उनको
जो लोग,
"बेवफ़ाई" में भी "वफ़ा" चाहतें हो.......!

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10 FEB 2021 AT 20:18

हम तो कह देते,
की याद आती हो तुम बहोत,
काश तुम भूल जाने का
इल्ज़ाम न लगाते....!

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