तुम न करो जाहिर फ़िर भी हम जानने वाले हैं,,
शक नहीं पूरा यकीं है तुम्हारे और भी चाहने वाले हैं!! — % &-
# working on computer
# I like read the book.. As- motivetional, poetry, ... read more
तुमको तुम्हारे ही तरीक़े से मारा जायेगा,,
पहले इश्क़ किया जायेगा, फ़िर दिल से निकाला जायेगा.! — % &-
इतने मज़बूर हैं कि उसे पायल तक न दिला सके,
इस बेरोज़गारी ने मेरी 'जान' के पाँव खाली रखे...-
फ़िर एक रोज़ तुझे हक़ीक़त में छू जाऊँगा,
ऐसा करते हुये मैं एक रोज़ बिखर जाऊँगा!-
न जाने वो आज-कल कहाँ रहते हैं,
पता चला है किसी के दिल में रहते हैं।
तमाम बुनियादें पशेमां है दिल की,,
फ़िर भी वो शाहजहां लिये फिरते हैं!
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न टूटने वाला एक वादा निभायेंगे,
इस जन्माष्टमी तुम्हें राधा बनायेंगे!
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मैं परिंदा हूँ असमां छूने जाता हूँ,
ठहर नही सकता रोज आता-जाता हूँ!
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सरबसर न कर मुझपे इतना भी असर न कर,
ऐ बिछड़ के जाने वाले मुझमे इतना बसर न कर।-
तुम दिल और नज़र में हो होठों से क्या कहना,
________तुम जान हो मेरी तुमसे क्या कहना।-
ख़ुद से ख़ुद की मुलाकात नही होती,
_मेरी आईने से अब बात नही होती।
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