मैं मुझे पसंद हूं और शायद सबसे ज्यादा पसंद हूं तुम्हें या किसी और को पसंद आऊं ना ये ख्वाहिश है ना परवाह -
मैं मुझे पसंद हूं और शायद सबसे ज्यादा पसंद हूं तुम्हें या किसी और को पसंद आऊं ना ये ख्वाहिश है ना परवाह
-
संभालो मुझे मेरे दोस्तोजाने की तैयारी हो रही हैरोक लो मुझे मेरे यारोमुझे इश्क़ की बीमारी हो रही है -
संभालो मुझे मेरे दोस्तोजाने की तैयारी हो रही हैरोक लो मुझे मेरे यारोमुझे इश्क़ की बीमारी हो रही है
आइने ओढ़ के निकला करोहर कोई आजकल नकाबो में रहता हैयहां किस पे भरोसा करे हम अबहर कोई दूसरो के लिबासो में रहता है -
आइने ओढ़ के निकला करोहर कोई आजकल नकाबो में रहता हैयहां किस पे भरोसा करे हम अबहर कोई दूसरो के लिबासो में रहता है
मैं उसकी गलतियों मे भी खूबियां ढूंढ लेता हूं वो इश्क़ है मेरा मैं उसमे मोहबब्त ढूंढ लेता हूं जब कभी ना हो वो मेरे रूह के करीब में उसकी परछाइयों में खु़द को ढूंढ लेता हूं -
मैं उसकी गलतियों मे भी खूबियां ढूंढ लेता हूं वो इश्क़ है मेरा मैं उसमे मोहबब्त ढूंढ लेता हूं जब कभी ना हो वो मेरे रूह के करीब में उसकी परछाइयों में खु़द को ढूंढ लेता हूं
वादे तोड़ सकता हूं मैं उसूल नहींजा आज से तू मेरी फेहरिस्त में नहीं -
वादे तोड़ सकता हूं मैं उसूल नहींजा आज से तू मेरी फेहरिस्त में नहीं
एक तुम ही तो थे बस मेरेऔर तुम ही अब चले गएअब हां यकीन हुआ मुझकोकी कितना अकेला हूं मैं -
एक तुम ही तो थे बस मेरेऔर तुम ही अब चले गएअब हां यकीन हुआ मुझकोकी कितना अकेला हूं मैं
वो बदल गया इसमें अफसोस नहीं है जिसकी औकात जितनी हैउसकी सोच उतनी है -
वो बदल गया इसमें अफसोस नहीं है जिसकी औकात जितनी हैउसकी सोच उतनी है
तुमसे इश्क था और इश्क़ रहेगा मैंने चाहतों का कोई सिलसिला नहीं तोड़ा तेरे जाने के बाद मैंने तेरी तनहाइयों को भी कभी तन्हा नहीं छोड़ा -
तुमसे इश्क था और इश्क़ रहेगा मैंने चाहतों का कोई सिलसिला नहीं तोड़ा तेरे जाने के बाद मैंने तेरी तनहाइयों को भी कभी तन्हा नहीं छोड़ा
सुनो पता है मुझको मेरे नहीं हो तुम पर हो सके तो इतना करते जाना कतरा कतरा ही सही मुझको मेरे हिस्से का इश्क तो देते जाना -
सुनो पता है मुझको मेरे नहीं हो तुम पर हो सके तो इतना करते जाना कतरा कतरा ही सही मुझको मेरे हिस्से का इश्क तो देते जाना
सुनो ना एक बात कभी मिले फुर्सत तो नींदों में चले आना और ख्वाब जितने भी हो तुम्हारे अपने पल्लू से बांध लाना -
सुनो ना एक बात कभी मिले फुर्सत तो नींदों में चले आना और ख्वाब जितने भी हो तुम्हारे अपने पल्लू से बांध लाना