इन पार्टियों और दल के दल-दल में ना फंसना। अजी! लोकतंत्र हैं तो अपना फर्ज़ निभाना। घर-घर से निकलना हैं ये संकल्प उठाके, जालोर में मतदान प्रतिशत को बढ़ाना।।
देशद्रोही का विनाश, कर रचा इतिहास, हीरा दे के राष्ट्रवाद का प्रमाण देता हैं। जाबाली व जालंधरनाथ की तपोभूमि यह, ऐसी पुण्य भू को जग सदा मान देता हैं। कान्हड़-प्रबंध हैं पराक्रम का इतिहास, शूर-वीरता से ओतप्रोत कर देता हैं। जालोर की आन बान शान वीर वीरमदेव, जन-जन के मन में स्वाभिमान भर देता हैं।।
सत्पथ पर चलने का मुझको, दंड मिला हर बार मिला। कथनी-करनी में अंतर वालों, मुझको यह उपहार मिला।। सच को कभी न सच माना, झूठों पर एतबार जताकर। झूम उठे वे सारे झूठे, इक सच्चे को झूठा बतलाकर।। पर माफ़ किया उनको तो उल्टा मेरी हार समझ बैठे। वे दिल के थे कंगाल जिन्हें हम दिलदार समझ बैठे।। जो पद के मद में चूर हुए सम्मान नहीं कर सकते हैं। वे लाखों पुण्य भले कर ले इंसान नहीं बन सकते हैं।।