पढ़ाई लिखाई का मौसम कहां हैI
किताबे छोड़ मोबाइल चलाने लगेl
रील्स बनाते कूल्हे मटकाते l
ये छोटे-छोटे बच्चे सयाने लगे!!
Badtrend-
हमने जिंदगी आसान कर ली
खून पानी कर डाला
ख्वाइशें, ख्वाइशें ही रही
ये मैंने क्या कर डाला-
हिंदुस्तान उस दिन इंग्लिश मीडियम का पक्षधर हो गया जब हमने "साइमन गो बैक" के नारे लगाए,
काश हमने कहा होता
"साइमन भाग BSDK"-
वो खुशनसीब है, हमारा नसीब पीते हैंl
तुम्हारे हाथ की चाय अब रकीब पीते हैं l
मैं शराब पीता हूं कि तुझे भूल जाऊं मैंl
तेरा गला घोट, या चाय में जहर मिलाऊं मैंll-
हाथ मिलाने से भी महरूम रहिएगाI
अब ये वक्त नहीं है गले लगाने काll
ये नए मिज़ाज का शहर हैl
यहां कोरोना का भी असर हैll-
हक मारते हैं गांव के साँवलों काl
ये..... शहर के गोरे चिट्टे लड़केIl-
ना दुनिया के लिए लिखते, ना मेरे लिए लिखते l
अगर ग़ालिब लानत लिखते, तो बस तेरे लिए लिखते l-
तलाश मुझे थी उसमे इक तिस्ता की...
मगर फितरत से यारो ओ कोसी निकली.....-
Pariksha ki kathinai
hi jivan ke safalta ka
mukam tay karti hai....-