Sachin Pratap Singh Yadav   (©Daastan)
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I'm full of desires & dreams but they all connect me to you...
Joined 1 September 2017


I'm full of desires & dreams but they all connect me to you...
Joined 1 September 2017
24 DEC 2020 AT 18:55

मैंने सूफ़ियों से सीखा है,
इस्लाम किसे कहते हैं...
मुझे वैरागियों ने बताया है,
भगवान किसे कहते हैं...
मुझको मजहबी तहज़ीब
सिखाने से पहले सोच लेना,
कभी खुद से पूछा है तुमने,
कि इंसान किसे कहते हैं...

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22 DEC 2020 AT 18:56

तुम्हें किसी और का होना है,
तुम्हें अपना बताऊं कैसे?
ये रिश्ता एक झूठी उम्मीद पर टिका है,
मैं ये रिश्ता निभाऊं कैसे?
तुम मुझे देख कर खुश होना चाहते हो,
तुम्हें किसी और का होता देख मैं मुस्कराऊं कैसे?

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18 NOV 2020 AT 18:00

लिखूंगा एक दिन किताबों में तुमको,
बताऊंगा सबको कि क्यों इश्क़ हो तुम...
वो जुल्फ़ें तुम्हारी वो बातें तुम्हारी,
बताऊंगा रातों का क्यों जश्न हो तुम...
लम्हे सभी फिर दूंगा तुम्ही को,
बताऊंगा सबको कि मेरा वक्त हो तुम...
खुद को तुम्ही पर लुटा दूंगा एक दिन,
बताऊंगा सबको कि मेरा इश्क़ हो तुम...

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15 NOV 2020 AT 20:25

एक और ख्वाहिश उम्र भर
उम्मीदों के तूफानों से लड़ती रही,
एक और शख़्स अपने
हौसलों के सहारे लहरों से टकराता रहा...
एक वो घड़ी जो
वक्त की हदें समझाती रही,
एक मेरी मंजिल की चाह
जो मुझे रास्तों पर चलाती रही...

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15 SEP 2020 AT 19:45

मेरे हर खयाल में तेरा ज़िक्र,
जैसे खुदा की मंजूरी हो गया है...
ऐ अजनबी,
तू मेरे लिए इतना जरूरी हो गया है...

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11 AUG 2020 AT 20:13

आसमां ने चांँद खो दिया है,
सितारो,
अब तुम्हें कौन पूँछेगा?

#RIP_RAHAT_SIR

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29 JUL 2020 AT 20:30

कि अब फ़कत तेरी यादों में खुद को जलाना छोड़ दूंँ...
तस्वीर तेरी देखकर के मुस्कुराना छोड़ दूंँ...
हां अब तलक जो जी रहा हूंँ,
एक वस्ल की उम्मीद में,
तू कहे तो जीने का मैं,
अब ये बहाना छोड़ दूंँ...

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28 JUL 2020 AT 13:11

जमीं पर बैठ कर मैंने आसमां
का ख़्वाब देखा है,
समंदर की हैसियत क्या है,
मैंने खुद में दहकता हुआ आफताब देखा है...

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14 JUL 2020 AT 19:25

जो तेरे बगैर ज़िंदगी
धुंधली सी हो गई थी,
अब जाके चश्मों का
सहारा लिया है...
अब शायद मेरी आंँखें
तुझसे किनारा कर पाएँ,
मैने इनको एक फरेबी
नज़ारा दिया है...

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4 JUL 2020 AT 10:17

वो शख़्स जो हिज़्र की बारिशों से भीगा हुआ है...
वो जिसका सन्नाटा तेरे समंदरों से भीगा हुआ है...
वो जिसके बाजुओं में एक दिन लिपट कर रोई थी तू,
उसका जिस्म आज भी तेरे आंसुओं से भीगा हुआ है...

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