फिर यूं हुआ कि.. घड़ी खोल कर रख दी हमने,
वक्त हर शख्स की औकात बताए जा रहा था..-
Sachin Prajapati
(Sachin prajapati Sir)
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सारा मसला ख्वाइशों का है ...
Joined 30 September 2017
20 OCT 2022 AT 20:31
9 SEP 2022 AT 7:55
पुरानी कश्ती को पार लेकर फकत हमारा हुनर गया है,
नए खिवैया ये ना समझे नदी का पानी उतर गया है..!!-
13 AUG 2022 AT 19:19
किसी व्यक्ति को उसके सवालों से पहचानो
ना कि उसके उत्तरों से....-
16 FEB 2022 AT 22:22
वर्तमान शिक्षा प्रणाली ने एक ऐसी बड़ी आबादी पैदा की है जो पढ़ तो सकती है, पर ये नहीं पहचान सकती कि क्या पढ़ने लायक है।
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5 DEC 2021 AT 21:53
यहां आप समय नष्ट कर रहे हैं,
वहां आपका कोई प्रतिद्वंदी कहीं किसी
कोने में बैठ चुपचाप पढ़ रहा है..!!-
23 NOV 2021 AT 20:02
मैं अगर कभी बना पाया तो
ऐसी लिपि बनाऊंगा,
जिसमें लोगों का 'मौन' पढ़ा जा सके...-