Sachin Pandey   (सchin)
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Poetry लेखक😊
Joined 9 July 2018


Poetry लेखक😊
Joined 9 July 2018
7 JAN 2023 AT 22:48

कमी पेशी, भाव- अभाव, तेरे कहने से है,
ये कोई आधार नही!
नही मिलती मंज़िल, तो इक कोशिश और सही,
दिया छोड़ तो तू, सच्चा तलबगार नही ll

जो सत्कर्म से तप के, ज़िन्दगी हो तैयार,हीरा है,
किसी के हक़ का मरना,, तो व्यापार नही!
मैने अमिरो को छुपाते, फकीरो को लुटाते देखा है,
वरना यहा कौन है, जिसे पैसे की दरकार नही.!!

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7 JAN 2023 AT 22:39

मैं रण लड़ने आया हूं
पग पग पर लड़कर जाऊँगा
विपरीत परिस्थितियों का
हर हालात में विध्वंस करके जाऊँगा,
मुख़ालिफ़ हज़ार से भिड़कर अकेला ही जाऊँगा
सामने आने वालों पर वार असंख्य कर जाऊँगा,
मैं खुद की शह से मुक्त हूं
भय से भयभीत कर जाऊँगा,
एक मृत्यु से पहले......
हज़ारों दफ़ा जीकर जाऊँगा🥀

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5 DEC 2022 AT 20:55



जैसे पापा नहीं बताते वो परेशान क्यों हैं,
वैसे ही एक उम्र के बाद बच्चे भी नहीं बताते
वो उदास क्यों हैं !!

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3 DEC 2022 AT 13:38

मैं चाय में डूबा, चीनी जैसा था
वो चाय में डूबी बिस्किट जैसी थी ,

मैं डूबते ही घुल जाता था,
वो डूबते ही टूट जाती थी !!

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13 DEC 2021 AT 23:04

( किसी चीज़ में डूबो )

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29 AUG 2021 AT 23:06

वक़्त आयेगा तो संभालूँगा तुम्हें भी,
अभी उलझ पड़ा हूँ Taxation, और
Audit की दुनिया में..!!

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12 JUL 2021 AT 19:22

जीत नही सकते

(In Caption)

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29 JUN 2021 AT 1:52

कुछ अँजोरी रात,
कुछ ख्याल तुम्हारा।
वो नब्बे का दशक,
और ननिहाल तुम्हारा ।।

यूँ ही नही मिले थे
स्कूल में हम दोनों
कुछ झुमके की मासूमियत था,
कुछ कमाल तुम्हारा..!!

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9 MAY 2021 AT 12:22

माँ है तो लोरी है, शगुन है
माँ है तो गीत है, उत्सव है
माँ है तो मंदिर है, मोक्ष है।

माँ है तो मुमकिन है शहंशाह होना,
माँ के आँचल से बड़ा दुनिया में
कोई साम्राज्य नहीं..!!🌻

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24 APR 2021 AT 18:02

हम जिनके अफ़साने पढ़कर रो देते हैं,
हाय! उन किरदारों पर क्या गुज़री होगी।

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