तन-तन्हा हूं...
थोड़ा हुजूम लिख दे,
लिख रहा है...
तो थोड़ा सुकूं लिख दे!!
जी लेंगे लिखा...
सब नसीब का हम,
बस हिमायत को...
थोड़ा जुनूं लिख दे !!
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🎂🎉🥳👏 12th Jan
Engineer by Choice
Writer by Passion
Homosapien by Ch... read more
कर ले यकीं...
और फिर ये जुर्म...
तू गवारा कर दे
बिखरती साख का...
वो इश्क़...
तू हमारा कर दे !
कोशिशें लाख होनी हैं
मर्तबा दौर में...
फिर से...
चाहे वो ढोंग...
तू इस बार भी...
दुबारा कर दे !!
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बदक़िस्मत सा आशिक़ हूं बस...
मैं रमता...क्यूं नहीं ,
भरा दरिया है मेरी आँख में...
ये थमता...क्यूं नहीं !
बसे बस रश्क ही हैं...मेरे दिल में...
अब और ना खोदो ,
खौलता लहू भी है मेरा, बस...
ये जमता... क्यूं नहीं !!
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ये रंगत.. ये महफ़िल..
ये दिलकश नज़ारे,
इक हम ही नहीं हैं
बस आशिक़ तुम्हारे !
अजब होती हलचल
कई कोस... से भी,
हैं... सोहबत भरे
ये तेरे क़ातिल ईशारे !!
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भर लिया है.. समन्दर
ज़ेहन में ही अपने,
अब बिखरनें को ढूंढे
किनारा ये मन !
बोझ बढ़ता चला
हम सिमटते रहे,
क्यों बेबस से लगते
ये सारे जतन !!
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ख़्याल आते रहे
और मैं... बुनता रहा,
मन में उतरी छाप
बस मैं... सुनता रहा !
नापसंद हो भी सकते हैं
अहसास... क़लम के,
महसूस किए लफ़्ज़ ही
बस मैं... चुनता रहा !!
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काले बादल तो हैं ही
पर उजाला भी है,
बीच मझधार से
उसने निकाला भी है !
मिला तो बहुत कुछ है,
अब क्या क्या गिनाएं
लड़खड़ाए हैं जब भी
महादेव ने संभाला भी है !!
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सुना है...
सितारों की छांव में
पनघट वाले गांव में,
ठिठुरती, सिकुड़ती
मतवाली सड़क।
और...
रिश्तों के दांव में
हर मुश्किल पड़ाव में,
दहकती, सुलगती
इक काफ़िर कसक।।
एक जैसी ही हैं, हां एक जैसी ही हैं !!
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उठ रही हैं आवाज़ें,
बंद ज़मीरों की... किताबों से।
देखना... मुकद्दर तुम्हारा भी
कहीं ग़मगीन ना हो।।
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कुछ जला है... बचा है...
बुझा तो नहीं,
इसमें मेरी ही सारी...
ख़ता तो नहीं ।
बस मेरा ही था...
जो तुझको... लौटाना था,
जो दे ही दिया अब
जता तो नहीं ।।-