Sachin Kumar   (©Sachin Kumar)
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Joined 1 December 2018


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1 FEB 2023 AT 8:47

मृदु पवण
तेरा ममतामयी स्पर्श
शीतल जल धार लिए
सुहाने सफर पर
चल पड़े ये बादल

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16 JAN 2023 AT 20:01


मुस्कुराते चेहरे बस इतना बता
तू खुशियों का खजाना हैं या इक छ्लाबा

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7 DEC 2022 AT 6:28

सब ढूंढते हैं,अपने हिस्से की खुशी
किसको क्या मिला, यह नसीब की बात है l

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12 AUG 2022 AT 7:53

Sweetest Sis, ....I pray to God that our love for each other keeps growing year after year. Happy Raksha Bandhan!

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15 JUL 2022 AT 5:16

भोर की लालिमा लिए
आवारा बादलों की अठखेलियाँ
सुन्दर सुहाना मौसम
और हवाओं में धुली दिव्यता
पछियों की मधुर स्वर लहरी
प्रकृति तेरा स्नेहपूर्ण स्पर्श
सुबह सबेरे जागने वाले
कुछ चंद लोगों को ही नसीब होता है...!!!

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9 JUL 2022 AT 6:18

धूप छाव का खेल निराला
प्यासी धरती प्यासा अंबर
उमर -घूमर घिर आओ बादल
धरती की प्यास बुझा दे बादल....!

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4 FEB 2022 AT 15:00

उमड़ घूमर धिर आए बादल
काले-काले प्यारे बादल
— % &

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15 JAN 2022 AT 23:27

इक सफर हो ऐसा
हमसफर मेरे
नजारे हो खूबसूरत
रास्ते हो अजनबी
और बक्त ठहर जाये

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6 JAN 2022 AT 10:34

काश...
जिंदगी अगर तु होती
इक किताब तो
कुछ पन्ने पलट कर
तेरी फिर से पढ़ पता मैं

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6 JAN 2022 AT 6:37

घने कोहरे की चादर
शीतल पवन के झोके
ओस की बुंदों से
बसुधा का श्रृंगार
प्रकृति मुसकुराती हुई
मानों बोल रही हो,
क्यों दुबके हो रजाई में
अब तो उठ जाओ
सुबह हो चुकी है...!!!

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