ज़िंदगी के उस दौर में हूँ,
ना समझ पा रहा हूँ, ना ही समझा पा रहा हूँ!-
6 OCT 2024 AT 22:51
23 MAY 2023 AT 8:59
ना कोई हमारे साथ है...,
ना कोई हमारे विरुद्ध है...,
अब हमें स्वयं ही लड़ना ये युद्ध है!-
12 MAR 2023 AT 16:00
किनारे पर बैठकर देखने से कुछ नहीं होता,
समंदर को पार करने के लिए उसमें उतरना पड़ता है!-
8 OCT 2022 AT 9:02
हमसे झूठ बोल कर,
हमसे ही सब कुछ छुपाया जा रहा है,
अगर कह दें हम कुछ, तो बोलते हैं कि गलत हो तुम,
बेफ़िज़ूल ही मुझ पर इल्ज़ाम (तुम्हारा) लगाया जा रहा है!
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29 AUG 2022 AT 20:11
तुझसे कुछ इस क़दर प्यार हो गया है,
कि अब तुझसे लड़े बिना सुक़ून ही नहीं मिलता !-