Sachin Chandelia   (Sachin Chandelia)
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Joined 22 May 2018


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Joined 22 May 2018
10 AUG AT 8:16

सोचा नहीं था इतने बदल जाएंगे
एक दिन जिस परिवार के लिए, मां बाप कमा रहे थे
इतने आसानी से सब अलग हो जाएंगे,
शायद बचपन में सुनी कहानियां
अब वो सच्चाई नहीं लगती,
अपनो में अपनो की इच्छाएं नहीं झलकती,
वो भाई बहन का प्यार,
बाबा का गुस्साना और मांसी से दुलार,
मामा का हंसाना, चाचा का घुमाना,
गर्मियों की छुट्टियों में नानी के घर जाना,
और सर्दियों में चूल्हे की ताज़ी रोटियां खाना
बात बात पर रूठ जाना, फिर प्यार से मनाना
एक छत तले, भीगी चुन्नियों की ओट में
सब बच्चों का लाईन से सो जाना,
शायद धीरे धीरे हम उस बचपने को भूल जाएंगे
भूल जाएंगे कुछ अपनो के नाम
बरसात में बनाई वो सपनों की नांव
कैसे उन बूंदों के बीच घुल गई थी याद है?
शायद बिल्कुल वैसे ही....
किसी एक रोज़ एक बारिश ऐसी भी होगी
कि सभी यादें बरसात के साथ ही धूल जाएगी..

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10 AUG AT 7:44

गंवाए है अपने अपनो की जंग में
आजकल रिश्तों की बुनियाद पैसा बना रहा है
और देखा है मैंने कि कैसे बिकते हैं चेहरे
और कैसे बिकता वो तन तुम्हारा है
कोई बना लेता है भाई बहन दौलत के ज़ोर पर
कोई उधार के मां बाप अपना रहा है....

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5 AUG AT 14:52

मर गए तो ग़म नहीं
बच गए तो दम नहीं
पूरी बात बस यहां आकार खत्म हुई
कि अब हम रहे वो हम नहीं....

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5 MAR AT 23:38

फ़नह होकर किसी को चाहना कोई गुनाह नहीं,
मग़र, फ़नह होना अपने आप में एक गुनाह है...

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5 MAR AT 21:50

रूठें हैं सभी हमसे,
अब नाजाने कौन मनाएगा...
मनाएगा भी, या फिर नहीं लेकिन,
वो शौख से, शोख तो मनाएगा...

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26 AUG 2023 AT 20:42

जैसे हंसता हुआ हर चेहरा सच्चा नहीं होता,
वैसे ही रोता हुआ हर शख्स भी सच्चा नहीं होता,
कुछ अपने से लगने वाले चेहरे कभी कभी अपने नहीं हो पाते हैं
और कुछ गैर से लोग भी कभी कभी अपनों से ज़्यादा कर जाते हैं
और सपनों को घर देने वाले अक्सर, वहीं अपना घर जला जाते हैं

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26 AUG 2023 AT 0:43

अपने ही खा गए अपना कहते कहते,
और बचा जो रहा,
सपने भी खा गए सपने दिखाते दिखाते...

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19 JUL 2023 AT 23:44

बयां नहीं होते
अपने अब जज़्बात,
कि होती नहीं ख़ुद से
अब ख़ुद की पहले की तरह बात,
और देखने को लगती है
भीड़ यूं तो बहुत,
मगर, दिखता नहीं खड़ा
कोई अपने साथ...

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10 JUN 2023 AT 2:03

वो भी एक वख्त था, ये भी एक वख्त है,
वो भी गुज़र गया, ये भी गुज़र जाएगा...

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8 JUN 2023 AT 23:27

Hard day for me....
to choose between love or life,
How can I leave a mother,
without loosing a wife.
What do I do, it's quite a tough choice,
For one is my destiny, another my voice.
For love is a dream that I want to chase,
While mom’s love is a comfort
that I can always embrace.

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