ऐसा नहीं की मेरे प्रति उसकी चाह कम थी या फिर एक-दूजे की फिक्र व परवाह कम थी दौलत की छांव में जिसके संग वो ब्याही गई बस उसकी तुलना में मेरी तनख्वाह कम थी
हरकतों से खैर अभी थोड़ा बच्चा हूं फिर भी सीधा- सादा एकदम सच्चा हूं तुम मुझे उन लड़कों की श्रेणी में ना रखना जितना दिखता हूं, उससे कहीं ज्यादा अच्छा हूं
समय बस काटना है अब,किसे रिश्ता निभाना है दिखावे की ये दुनिया है, यहां सबको दिखाना है कभी इज़्ज़त,कभी दौलत,कभी हसरत की दीवारें यहां हर शख्स के होठों पर कुछ न कुछ बहाना है
किसी के साथ रहकर, फिर किसी के बिन हो जाना इतना आसान थोड़ी है यहां सचिन हो जाना गमों के धूप में जलकर, पछतावे का दिन हो जाना इतना आसान थोड़ी है यहां सचिन हो जाना