किसी से जुदा होकर किसी को पाकर
प्यार कभी पूरा होता भी नहीं चाहकर।
मजनू, रांझा, रोमियो, फरहाद तो नहीं मैं यारों,
लेकिन आजमाया हमने हर एक नुस्खा यहां पर।
अब तो तबाह इस कदर हूं मैं इस जिंदगी से यारों,
किया कोशिश मरने की, मौत भी ना आई चाहकर।।-
My- #sabkasuraj Wish - कोई मुझे पूरा पढ़े।
My self Sooraj Soni
Like karo ya na kar... read more
एक वक्त था जब हम सब थे
आज कहते हो काबिल नहीं
प्रेम करना हमीं से सीखा था
आज हम प्यार के काबिल नहीं
हर समय मुझी से खफा रहते थे
मेरी ही गलतियां निकालते थे
जरा झांककर देखो अपने अंदर
तुम भी तो कहीं काबिल नहीं।-
यूं तो मेरी आंखों में भावों का सैलाब भरा है
बिना कहे, कुछ भी कहना आसान है क्या ?
अंतरमन में तो बातों का बहुत घमासान है
अमा जाओ मियां चुप रहना आसान है क्या
एक ही बार में सब समझ आ जाए "सूरज"
इश्क है जनाब कोई मामूली सवाल है क्या।-
अपनी नजर मैं किसको नजर कर दूं
ख्वाहिशें किसकी यहां दफन कर दूं
यूं तो मालूम है मुझे हर तरीका जीने का
जाने क्यों खुद को खुद का कफन कर दूं
आज रात सोचता हूं ख्वाब देखूं आखिरी
जिसमें मैं भी खुद से उसको जुदा कर दूं।-
दिखती हैं अक्सर तुम्हें सिर्फ खामोशियां मेरी
मेरी आंखे भी अब शायद कुछ कहती नहीं
मेरे अंदर भी बातों का उमड़ता सैलाब है
जिसे अगर कहने से समझो ये जरूरी नहीं,
तुम्हारी फितरत है बेवजह बहस करने की
मैं बेवजह एक शब्द गलत बोलूं, आदत नहीं
तुम्हें लगता है सिर्फ तुम्ही हर तरफ से टूटे हो
शुक्र है तुम्हारे टुकड़े बचे हैं, मैं खाक भी नहीं
तुम्हें वहम है तुम अब रह सकते हो मेरे बिना
चांद को कितना भी गुरूर हो अपनी चांदनी पर
बिना "सूरज" के उसका चमकना मुमकिन नहीं।-
एक नए ख़्वाब फिर से सजाते है
जान तुम्हे फिर से करीब लाते हैं
ये दुनिया तो कभी न अपनाएगी हमें
अब तुम्हीं को अपनी फिक्र कराते हैं।-
मुद्दतों बाद यूं ज़िंदगी से मिला हूं मैं
यार अभी अभी तो मां से मिला हूं मैं
अपने मां पापा के लिए पूरा ब्रह्मांड हूं मैं
वो ईश्वर हैं मेरे और उनकी संरचना हूं मैं।-
मैं यहां मौत से हार के बैठा हूं
हां मैं यहां प्यार करके बैठा हूं
अपनों से झगड़ कर बैठा हूं
गैरों में बदनाम होकर बैठा हूं
मेरे रास्ते सही थे मंजिल की ओर
मैं अपनी मंजिल को गवाएं बैठा हूं
किस से किसकी करूं मैं शिकायत यहां
थे जितने हमदर्द मेरे सबको दर्द दिए बैठा हूं
यूं तो रोज की है पूजा और अता की है नमाज मैंने
आज अपने खुदा और भगवान को भुलाए बैठा हूं
हसरतें सारी चकनाचूर हो गईं है
मैं अपनी जिंदगी हराम किए बैठा हूं
सूरज मैं एक मोहब्बत भी संभाल ना पाया
उसे भी रकीब के हाथों दान किए बैठा हूं।-
उससे पूछो वो सुकून से जी पाएगा क्या
दूसरों का छीनकर खुद खा पाएगा क्या
और सूरज मुझको तड़पता देख उसको
मजा आ रहा है
आयेगी जब उसकी बारी तो खुद को
बचा पाएगा क्या?-
मेरा दिल तो सफेद पाक दूध था
तुमने पहले इसका दही बनाया
फिर सारा मक्खन निकाल लिया
आखिर में मट्ठा बनाकर इसको
बाजारों में बिकने को छोड़ दिया।-