Sabir Mustafa  
151 Followers · 31 Following

read more
Joined 30 July 2017


read more
Joined 30 July 2017
18 AUG 2020 AT 13:34

वो आए मेरे ख़्वाब में बस रात के पहर !
सहर हुआ तो फ़िर से वो ख़्वाब हो गए !

-


31 JUL 2020 AT 22:48

क्या मिशाल हो सब्र ए हुसैन का अली अक़बर के लाशे पर !
नबी इब्राहीम ने जो आंखों पे पट्टी बांध ली !

-


24 JUL 2020 AT 2:08

तेरी कब्र पे एक फ़ूल चढ़ा आता हूं !
तेरी याद आए तो अपने दिल को हो आता हूं !

-


1 JUN 2020 AT 1:14

कितना दब चुका हूं उनके बनाए फाइलों में मैं !
मुझमें खुश्बू भी ना रही बाकी अब मेरे वजूद की !

-


18 MAY 2020 AT 2:31

दिल ईंधन बना है रौशनी को !
ये अंधेरे भी किसी ज़ुल्म-ओ-सितम के लगते है !

दिल लबरेज़ हो गया था मेरा दरिया को देख कर !
अब मेरी फुरात देख कर दरिया भी रोते फिरते हैं !

मेरी ख्वाहिश है के जाऊं कभी अपने घर की अोर !
यार तुम तो घर में ही रहते हो ये दोस्त मुझसे कहते हैं !

मैंने अपने ख़्वाब सारे जला दिए !
उस राख को उड़ाने में भी वे कसर नहीं छोड़ते हैं !


-


28 APR 2020 AT 4:19

उल्फत में तेरी मैंने सूरज तुलू किया !
गुरबत तो मेरी देखो के बारिश बहुत हुई !

अफसोस है उसे भी के क़तील है वो मेरा !
खंजर भी मेरी मौत पे गिरिया बहुत करी !

शजरो हजर से पूछ लो हमराज़ हैं मेरे !
एक गम को मुझको रोते हुए मुद्दत बहुत हुई !

लहज़ा भी कितना शख्त है लोगों का क्या कहूं !
जब भी मैं किसी के पास गया जरबत बहुत लगी !

आतिश के मिस्ल था ये ज़ख्म बुरा था !
दिल जिगर जल गए अज़ीयत बहुत हुई !

-


26 APR 2020 AT 1:17

मेरे जनाजे में शिरक़त किसी ने नहीं किया !
मैने मेरे वजूद को खुद ही दफन किया !

-


25 APR 2020 AT 1:44

मेरे गुलाब में अब कोई खुशबू ना रही !
हां!इसे तोड़े भी तो एक ज़माना गुज़रा !

-


22 APR 2020 AT 2:48

बहुत शख्त थी मिट्टी मेरे दिल की !
तुम्हे दफन करने में मुझे मशक्कत बड़ी हुई !

-


22 APR 2020 AT 1:26

क्या खुद से भी तन्हा हो चुका हूं मैं !
मेरी सूरत भी मुझसे पहचानी नहीं जाती !

-


Fetching Sabir Mustafa Quotes