Sabir Husain   (Sabir ibne MAHEBUB)
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Cricket, reading, writing
Joined 8 October 2020


Cricket, reading, writing
Joined 8 October 2020
10 JAN 2024 AT 15:32

यह खुद्दारी तो अरमान रही,
साथ तो एहसान रहे,
डर लगता है खुदा इन परदोसे,
जो गुनाहो पर है,
सहना बड़ा मुश्किल है,
इन गुनाहों का बोझ,
आजमाए गए और मात खा गए,
केसे कहे किसी से इज्जत
के लायक है साबिर,
यह तो वक्त के साथ चलने
वाले रिश्ते है जिसका
बस बदला चुकाया जा रहा है,
है खुद की सोच भी नेकी की,
मगर क्यू अमल नही,
नफ्स कितनी काफिर हो चुकी है ए खुदा,
जुदा हो जाए अब यह जिस्म से तब
होगा दिल का असल टूटना,
और फिर
महसूस होगा, दिल टूटने को बिखरना नही
बल्कि खुल जाना कहते है,

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10 APR 2023 AT 11:57

अल अदल - the utterly just (name of allah)
हदिया-gift




कीमती चीज से ज्यादा अहम हे अमानत,
हदिए से भी ज्यादा अहम हे अमानत ,
या अल-अदल है फक्त आपसे उम्मीद-ए-खैर,
वरना साबिर तो ठहरा गुश्ताख-ए-अमानत,


-Sab.hus 🙂





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20 AUG 2022 AT 17:44

All the time there are desiring particles,
In front of the allah,
Wanting to become a disciple,
The secret to shine will be given,
To only those coals who have the courage,
To beat themselves,
If the faith is strong then go ahead,
Focus on the shining,
If there is a mistake then look back,
Keep improving until you reach it,
Then you will find the secret of the radiance,
Till then have faith in Allah and in yourself,

Sab.hus.

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27 JUL 2022 AT 0:02

कही वफा न मिली इसलिए आशिक ना मिल सके,
कही वफा मिली फिर भी आशिक ना मिल सके,

Sabir husain,

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26 JUL 2022 AT 23:58

(Key of bliss)
Life has never ending life,
No door to leave time,
One can cry but not die,
Use tears as fuel in life,
Patience,map of accuracy,
Fact is fact,overthinking kills,
Creat creativity for creation,
Discipline and adhere are loyalty,
Be brave not to be dishonest,
Exchange majesty with univers,
Share peace with nature,
.....................continue

S.hus.

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25 JUL 2022 AT 16:32

दुनिया की गोद में बैठ कर जन्नत की दुआ मांगता हूं,
दिन को पीठ पीछे फेक कर जहन्नम से पनाह मांगता हूं,

नबी का उम्मति होकर इबलिस को रहबर मानता हु,
जिसे सजदे किए उसकी जूठी कसम खाना जानता हु,

साबिर हुसैन

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25 JUL 2022 AT 16:25

समझदारी जिम्मेदारी का हौसला है,
जमीर शराफत का साथी है,
खुद्दारी इज्जत का सहारा है,
वफादारी भरोसे का किरदार है,

-Sabir Husain

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25 JUL 2022 AT 16:22

शराफतखानो में हरामखोर बैठे है,
और मआशरा रहबर के इंतज़ार मे ,

साबिर हुसैन

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25 JUL 2022 AT 16:11

तुझे देते रहना कदर मिटादेगा,
रोक तुझ पर जुस्तुजू पैदा करने से है,

जन्नत मिलेगी तुम्हे जान के बदले
तुझे चहिए तू अपनी जिंदगी बदले,

मिट्टिसे कतरेसे लहूसे जिस्म होगया,
दुनिया देखी और तु इसका होगया,

नियत हो तेरी बादशाह ए वक्त,
फेसला हो तेरा खालिक ए कायनात,

निगाह में हराम हलाल की बराबरी रख,
सचको दे बुलंदी तो जूठको कदमों में रख,

तेरे अखलाक गैरो का अमन का रास्ता,
तुझे चाहिए तु चाहे कुरान का रास्ता,

Sabir husain

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24 MAR 2022 AT 13:24

यह जिस्म की ख्वाइसो ने बरबाद किया हे इंसान को,

वरना रूह को तो सिर्फ़ खुदा का जिक्र काफी हे,

-Sabir husain

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