बड़े ही बेमन से
घड़ियां
घण्टें
दिन
हफ्ता
महिना
और
साल
काटते हुए
हमें कभी यह भान ही नहीं होता की
हम बेमन से जीवन काटते जा रहे हैं ।।-
Mahadevi verma and parveen shakir are my favourite poetress
Please do... read more
मैं जौजियत थी , तुम्हारी
पर , जाने कैसे तुम्हारे दिल को गवारा हुआ
यूं दर - ब - दर भटकना मेरा
कहां तो नाज़ो नखरे के साथ कबूला था
कहां तो छोड़ दिया , भड़ी दुनिया में अकेला
मरते हो तुम भी पल पल
मरते हैं हम भी पल पल
पर जाने यह कैसी मजबूरी है
मोहब्बत पर दौलत हावी है
कल की खबर नहीं
पर कल की फिक्र में
सारी उम्र हम दोनो ने ही हिज्र में गुज़ारी है
ना जाने कब वस्ल की रात होगी
मर ही ना जाए , जब यह बात होगी .
खौफ आता है
बस यह सोच कर
ख्वाब , जब हकीकत में बदले
ना तब तक देर हो जाए
अरमां बंजर और दिल पत्थर हो जाए ।।-
इश्क़ में इम्तिहान होता है
मोहब्बतों में आसानी से कहां
बेड़ा पार होता है
इश्क़-ए-हक़ीक़ी हो तो तहज्जुद
इश्क़ -ए- मजाज़ी हो तो तस्व्वूर
दोनों में ही नींदें बेदार होती हैं
बेकरारी , बेकली का आलम
हर चाहत में , यही हाल होता है
जो नाचे प्यार में पीर - फ़कीर , वो सूफी संत कहलाए
जो सुध - बुध खोए आम बश़र , तो मजनू - हीर कहलाए-
सरल होना ,
कभी सरल नहीं होता
सरलता प्रेमी इस संसार में तो कदापि नहीं !
आपकी सरलता ,
अक्सर लोगों को
आपका अभिमान प्रतीत होती है ।
वह चीज, जो लोगों की कल्पना अथवा सोच से मेल नहीं खाती हैं ,
अक्सर वह उनके लिए स्वीकार्य नहीं होती है ।
फिर चाहे
वह आपका सीधा - सरल व्यवहार ही क्यों ना हो ।-
हर प्यास को है मय्यसर आब नहीं
फक्त पानी से बुझने वाली है हर प्यास नहीं ।।
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जब प्रेम का बीज
धरती में बोया जाता है
तो वह फलता- फूलता है
बढ़ता है आकाश तक
और
जब वही बीज
गमले में लगाया जाता है
तो वह
ना फलता - फूलता है , ना बढ़ता है
बस खुद को बचाएं रखता है
इस आस में
की एक दिन अवश्य ही
वह धरती में रोपा जाएगा
और फिर वह भी
बोनसाई होने के अभिशाप से मुक्त हो
फले फुलेगा और बढ़ेगा आकाश तक।-
हर कहानी
किसी ना किसी का सच होती हैं
पर आधा सच
बाकी का आधा , यर्थाथ नहीं
लेखक की कल्पना होती है, महज़ कोरी कल्पना।-
दिल में ,
ख्वाहिशों की है रेल - पेल
पर ज़िम्मेदारियों ने कभी
एक आना भी फ़िज़ूल खर्चने नहीं दिया ।।-
वो जो पूरे घर के लिए , रोटी कमाने निकलते हैं
होती है , उन्हें ही मयस्सर , एक रोटी भी गर्म नहीं ।-