Saba Rasheed   (Saba Rasheed)
1.3k Followers · 105 Following

बहुत थोड़े से शब्द हैं मेरे पास, जिनसे मैं खेलती हूॅं....
Joined 28 September 2017


बहुत थोड़े से शब्द हैं मेरे पास, जिनसे मैं खेलती हूॅं....
Joined 28 September 2017
2 HOURS AGO

हमारी फ़िक्र करो कि हम कहॉं जाएंगे
फूलों का क्या है वो तो मुरझाएंगे

-


2 HOURS AGO

लताफ़त की सभी को चाह है
मगर हालात ऐसे हैं नहीं

-


2 HOURS AGO

वक़्त भरता है कब किसी ज़ख़्म बताओ तो भला
हर ज़ख़्म ही अपना यहाॅं नासूर हुआ जाता है

-


3 HOURS AGO


ज़ुल्म सहना और ख़ामोश न रहना
ज़िन्दा क़ौमों की लताफ़त है ये शायद

-


12 SEP AT 0:17

प्रकृति सा ही
परिवर्तनशील
है जीवन भी।

-


12 SEP AT 0:10

ख़ंदा-जन दिल था तो बहला लेते थे
हम भी तब हर ग़म को सहला लेते थे

-


11 SEP AT 23:54

Bahut sara kaam krne ke baad bhi jab koi credit na mile...

-


11 SEP AT 23:22

सुनो! तुम मेरे लिये अनदेखे-अन्जान हो
मैंने कभी नहीं देखा तुम्हें,ना ही ढूंढ़ा कभी
मैंने कभी कोई सपना नहीं देखा,ना सजाया
ऐसा करो तुम देख डालो मेरे हिस्से के सपने
आ जाओ कभी ढूंढ़ते हुए मेरे दर तक
जैसे कभी आये थे "आदम" "हव्वा" तक

और जब तुम आओ मुझ तक या सोचो आने का
तब प्यार भले ही कम लाना...हो विश्वास पूरा
मैं ऐसे घर की...ऐसे साथ की कल्पना करती हूॅं
जिसकी नींव विश्वास हो...समर्पण हो...
मैं चाहूॅंगी कि हमारा जीवन उज्ज्वल हो
विश्वास की चॉंदनी और दुआओं की महक से

मेरे मन का मंदिर गूॅंज उठे तुम्हारी आहट से
बनो तुम प्रथम और अन्तिम देवता मेरे हृदय के
तुम्हारे प्रवेश मात्र से प्रकाशित हो जाये
मेरी आत्मा,मेरा हृदय,मेरा संसार
हो पूजने का अधिकार तुम्हें सिर्फ और सिर्फ मुझे
दिशा दो तुम दिशाहीन जीवन को मेरे

ना नज़र बट्टू लिये,ना ही नज़र उतारी कभी मैंने
तुम्हीं फूॅंक देना कोई मंत्र मेरे ऊपर
अपनी सदिच्छा, त्याग,समर्पण से
मोह लेना तुम मेरी आत्मा को
इहलोक, परलोक,हर लोक में ही
सदा-सदा कृतज्ञ रहूॅंगी तुम्हारी।

-


10 SEP AT 23:56

ज़िन्दगी हो जाती है....।

-


10 SEP AT 23:11

दिखेंगे घाव ना तुमको बेहद पोशीदा हैं
ये सच है यार कि हम भी कुछ ग़म-रसीदा हैं

-


Fetching Saba Rasheed Quotes