ऐ दोस्त तू तो मगरूर हो गया,
अपने में ही चूर हो गया,
यार तो पास ही खड़े थे,
फिर भी दूर हो गया।-
आशियाना
पता नहीं था की इस कदर बिछड़ जाएंगे,
वो गुजरे पल बड़े याद आएगें,
इस परिवार से आप खफा हो जाएगें,
बस चंद यादों को छोड़ जाएगें,
लगता है मुस्किल की कभी मिल पाएगें,
हम तो आप के स्वागत में आशियाना सजाएगें,
इस पल को यादगार बनाएंगे,-
ये आँखें कुछ ना कहकर बहुत कुछ कह जाती हैं,
इन आँखों को हमेशा प्यार की तलाश रहती है।-
जो अपने सारे दर्द छुपा लेती है,
जो अपने बेटे को देखकर मुस्कुरा लेती है,
वो मां है जनाब,
जो अपने बेटे के लिए सारी खुशियां लूटा देती है।-
कुदरत ने तुझे बनाने में कहां कोई कसर छोड़ी है,
मैं तुझे पगलों की तरह देखता रहता हूं,
तू कोई अप्सरा थोड़ी है।-
वो हंसकर पास से चली गई,
कितनी हिम्मत जुटाई थी मैंने उससे बात करने के लिए।-
अदाओं में सादगी,
मनकों का कारोबार करती है,
सुना है एक मोहतरमा आंखो से वार करती है।-
जरूरी नहीं प्रसिद्धी के लिए छोटे कपड़े
और शोशेबाजी ही काम आए,
मैंने जमाने को सादगी का मुरीद हुए देखा है।-
सर्द की रात हो,
तेज बरसात हो,
एक हाथ में चाय का कप,
एक हाथ में उसका हाथ हो।-