गलती उनकी नहीं
कि वो सब भूल जाते हैं
ये ख़ता तुम्हारी है
कि तुम सब याद रखते हो..
गलती उनकी नहीं
कि वो प्यार जताते नहीं
ये ख़ता तुम्हारी है
कि तुम उम्मीद रखते हो..
गलती उनकी नहीं
कि वो बेवफ़ा हैं
ये ख़ता तुम्हारी है
तुम वफ़ा करते हो..
-
जय राधे कृष्ण❤️
साहित्य संसार... 💛
एक पीली शाम
पतझर का जरा अटका हुआ पत्ता
शान्त
मेरी भावनाओं में तुम्हारा मुखकमल
कृश म्लान हारा - सा
(कि मैं हूँ वह मौन दर्पण में तुम्हारे कहीं)
वासना डूबी
शिथिल पल में
स्नेह काजल में
लिए अद्भुत रूप - कोमलता
अब गिरा अब गिरा वह अटका हुआ आंसू
सान्ध्य तारक - सा
अतल में..!
* शमशेर बहादुर सिंह-
न इतना हक़ है
कि तुझे रोक सके...
न इतनी हिम्मत
कि तुझे जाते देख सके...
अब तू ही बता
हम क्या करे...-
सोचते हैं हम
कितनी शिकायतें हैं हमें
उस ख़ुदा से....
किसी दिन उसने
हमारे गुनाह गिनवायें
तो क्या होगा....
छोङ देते हैं हम
नाराजगी में उसका हाथ
कभी उसने साथ छोङ दिया
तो क्या होगा....-
ख़ुद को वो बड़ा दबीर कहते हैं
हमारे दर्द-ए-दिल का अफसाना
तो वो लिख नहीं पाये
खड़े थे हाथों में मरहम लेकर
पास आये तो
आँसू भी हमारे वो देख न पाये-
अपनी ज़िन्दगी का रुख़ यूँ मोड दिया है
सब उसके हवाले अब छोड़ दिया है-
रुको तो बताएँ
कहो तो बताएँ
चुप रहकर भी क्या
सच कहो तो बताएँ
मिलो तो बताएँ
संग चलो तो बताएँ
दूर रहकर भी क्या
पास आओ तो बताएँ
वादा करो तो बताएँ
आकर मिलो तो बताएँ
अकेले रहकर भी क्या
हाथ थामो तो बताएँ
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बीती बातों से ख़ुद को आजाद किया जाये
चलो एक नया आगाज़ किया जाये
किश्मत को संग मिले अब मेहनत का
खुद को हर दुविधा से आजाद किया जाये
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ज़िन्दगी का पासवर्ड खो जाये
ज़िन्दगी बेकार है
खुशियों का साथ छूट जाये
ज़िन्दगी बेकार है
विश्वास की डोर टूट जाये
ज़िन्दगी बेकार है
मिल जाये ज़िन्दगी को साथ सच्चा
तो है ज़िन्दगी, ज़िन्दगी
झूठे रिश्ते में बंध जाये
ज़िन्दगी बेकार है-