सांझ 🖤   (सांझ)
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जिंदगी दो लफ़्ज़ों में कुछ यूँ अर्ज है ...
आधी कर्ज है, तो आधी फर्ज है !!
Joined 12 November 2019


जिंदगी दो लफ़्ज़ों में कुछ यूँ अर्ज है ...
आधी कर्ज है, तो आधी फर्ज है !!
Joined 12 November 2019
20 SEP 2023 AT 8:27

गुनगुनाते तुम गीत या कविता मेरे लिए
तो क्यों पढ़ती इन किताबों को
हाथ थामकर चलते चंद कदम साथ मेरे
क्यों संजोती टूटे बिखरे पंखों को
जो तुम भेजते अगर ख़त और फूल
तो बताओ कैसे सहेजती उन पन्नों को
तुम समेट लेते मुझे और मेरे ख्बाबों को
तो क्यों सहती इन हालातों को
जो कहना था तुमसे अगर
कह देते तुम्हीं मुझसे तो कैसे छिपाती उन अल्फाजों को
तुम ढूंढ लेते मुझे मेरे ही हिस्से से
तो क्यों खो बैठती अपने ही होने को
यदि हो भी जाता प्रेम तुम्हें तो
कैसे समझती इन वेदनाओं को
जो मिल जाते अगर तुम तो
कहाँ रखती मैं उन खुशियों को...!

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27 DEC 2022 AT 4:20

मुझे क्या डराएगा
ये जमाना.....
मैं तो अपने साये से
डरती हूँ...!

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21 DEC 2022 AT 11:47

तुम देख आओ जमाना, मैं यहीं हूँ
वक्त से परे कुछ लम्हे चुन रही हूँ
सबकी सुन ली अब अपनी सुन रही हूँ
जीवन मिथ्या है जान गयी वरन्
हकीक़त से परे कुछ ख्वाब बुन रही हूँ
ना कह सकी जो किसी से भी
अब खुद से ही कह रही हूँ
बचती रही आहटों से, इन हवाओं में में बह रही हूँ
दशकों मर लिए अब प्रतिपल जी रही हूँ
जाओ तुम देख आओ जमाना, मै यहीं हूँ...!

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25 NOV 2022 AT 15:22

सुख की ना किरण पड़ी
ना सुख की छाँह मिली
सुख में भी दुख व्याप्त रहा
बस दुख ही दुख पर्याप्त रहा
समय लगा पर जान गए
ये दुख मेरे साथ ही जाएंगे,
भ्रम मेरा कुछ यूँ टूट गया
मानो कोई दर्पण हाथों से छूट गया
लाख करुँ जतन फिर भी
अक्स़ अपना ना देख पाएंगे
बीता हुआ कल तो बीत गया
ना जाने क्यों मुझे झकझोर गया
संभल जाऊँ चाहे गिर जाऊँ
पर अब पीछे ना मुड़ पाएंगे
ये दुख मेरे साथ ही जाएंगे...!!

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3 NOV 2022 AT 20:41

जिंदगी तुम्हारे उसी गुण का इम्तिहान लेती है,
जो तुम्हारे भीतर मौजूद है,
मेरे अंदर धैर्य था...!

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28 OCT 2022 AT 8:03

कभी दिल ही नहीं करता, जरा सा भी नहीं करता
गया है तू तभी से मैं, मोहब्बत ही नहीं करता...!!

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23 JUL 2022 AT 21:02

तेरा ख्याल ही काफी है
मेरे सुकून के लिए,
हाँ मैं मुंतजिर ही ठीक हूँ,
ना तूने वादा किया ना निभाया
मेरा माज़ी,
मुस्तकबिल से झूझता रह गया
पर हाँ मैं मुंतजिर ही ठीक हूँ,
तेरे नूर से जला लिए हैं चराग़ सारे
अब क्या जुलमत, क्या खौफ
मै मुंतजिर ही ठीक हूँ...!

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22 JUL 2022 AT 8:47

केवल सुख ही नहीं,
दुख भी बाँटने से दोगुने हो जाया करते हैं...!

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22 JUL 2022 AT 8:33

मेरे घावों को खुरेदने वाले,
याद रख जिंदगी ने किसे बक्शा है...?

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19 JUL 2022 AT 17:23

झिझक रहे थे रोशनी में और फिर
दिए को फूँक मार कर अंधेरों से लिपट गए...!

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