जब दुप्पटा से सीने को ढका जाता थाएक दौर ये भी है अब चेहरा ढका जाता है -
जब दुप्पटा से सीने को ढका जाता थाएक दौर ये भी है अब चेहरा ढका जाता है
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याद आती हैंवो दोस्त याद आते हैंवो किताबे याद आती हैबचपन की वो शरारत याद आती है -
याद आती हैंवो दोस्त याद आते हैंवो किताबे याद आती हैबचपन की वो शरारत याद आती है
क्यों शांत है क्यों खफा है खुद सेबता दे दुनिया को एक लहर ही काफी है जता दे दुनिया को -
क्यों शांत है क्यों खफा है खुद सेबता दे दुनिया को एक लहर ही काफी है जता दे दुनिया को
कितने ही दिन कितने ही साल गुजर गए उसके इंतजार में वो न आया इस साल भी -
कितने ही दिन कितने ही साल गुजर गए उसके इंतजार में वो न आया इस साल भी
जब होने लगे हम तेरे -
जब होने लगे हम तेरे
मुझे भी तो बनाया है उसी खुदा ने -
मुझे भी तो बनाया है उसी खुदा ने
ख़ामोश हूं कहने सुनने को कुछ बाकी नहींखामोश हूं तुम पहले से नहीं -
ख़ामोश हूं कहने सुनने को कुछ बाकी नहींखामोश हूं तुम पहले से नहीं
ज्ञान का प्रकाश जब होगा -
ज्ञान का प्रकाश जब होगा
सुबह उठकर सब काम कियाभोर भाने लगी अब मन कोउठकर पहले सूरज को प्रणाम किया -
सुबह उठकर सब काम कियाभोर भाने लगी अब मन कोउठकर पहले सूरज को प्रणाम किया
वक्त सबका आता है -
वक्त सबका आता है