साहित्य प्रेमी   (Poetry by Uttam)
2.0k Followers · 6.8k Following

Joined 26 November 2020


Joined 26 November 2020

जिसके हाथों की पकड़ से चूम सको आसमानों को
इक ऐसे दोस्त की गिरफ्त में रहना तुम

-



एक कवि या लेखक मकान या मानवता के निर्माण की नींव का वो पहला पत्थर है , जिससे बहुत बड़ा परिवर्तन देखने को मिलता है

-



हृदय पर सबके प्रश्न , खड़ा कर रहा हूं मैं

पैरो पर ख़ुद को अब खड़ा , कर रहा हूं मैं

जिन यारों की नज़र में कुछ नहीं , परिभाषा थी मेरी

देखो आज़ उनसे ही आगे , बढ़ रहा हूं मैं 

वो टूट जा रहे हैं , इक कोशिश के वार से

हर बार जीत हार से ख़ुद को गढ़ रहा हूं मैं 

हृदय पर सबके , प्रश्न खड़ा कर रहा हूं मैं

-



वो मेरे कोई ऐब पे रूठता , तो मनाता उसको
मेरे हुनर से नाखुश जो , मैं बात भी करूं तो क्यों

-



लहरों का शोर नहीं, सागर का 'शान्त' सुनो
जीवन में कुछ बड़ा करना है, तो एकान्त चुनो

- प्रह्लाद पाठक

-



कर ईर्ष्या का परित्याग , आओ द्वेष भुलाते हैं
एकाकी राह कब तक प्रिय , साथ आओ ख़ुद को कुछ बनाते हैं

-



मुझे भ्रम था
मां कभी झूठ नहीं बोलती
एक रोज़ मैं पहली बार शहर आया था
मां ने कहा था , शहर में सुविधाएं बहुत हैं
मैं शहर में हूं , पर दोस्त नहीं हैं
निसंदेह दो भ्रम टूट गए मेरे
पहला मां भी झूठ बोलती हैं
दूसरा , कभी कभार बोला गया झूठ , झूठ नहीं प्रेम होता है

-



निसंदेह पुनः लौट जाना चाहिए बिना बताएं तुम्हें उस जगह पर
जहां से बिना बताएं तुम कहीं से लौट आएं हो

-



टपरी पे दो विपरीत लिंगी लोग चाय पी रहे थे
ये पहली ऐतिहासिक जीत थी , विकृत मानसिकता वाले लोगों से

-



सुनो ,
प्रतिष्ठा को दांव पर लगाकर प्रेम की भींख मांगना
मेरे लिए असंभव होगा
इसलिए , तुम
मेरी आबरू को बिना ठेस पहुंचायें
मेरे प्रेम को स्वीकार् कर लेना


" तुम्हारा मित्र और भावी प्रेमी "

-


Fetching साहित्य प्रेमी Quotes