ये मैं नहीं कह रहा,
दावते ए आसन का सार कहता है,
खूब खाने का है शौकीन,
ऐसा आपका किरदार कहता है ।
सूंग लेते हैं,तड़का,लहसुन,प्याज का..
मेरा यार मशहूर है शहर में,
कह रहा है अखबार आज का।
इश्क़ के रंग से, बड़ा मासूम लगता है...
ये महरूम रंग उसपर खूब जचता है।
बड़ी प्यारी सी आंखे उसकी हमें बुलाती हैं,
जरा देखो,मेरी आंखों में मेरा यार हस्ता है।
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