तुझे दिल दिया मैंने, उपहार में लड़की..!
क्या दिल मुझे देगी, तू प्यार में लड़की..!!
मुझे इश्क़ तुझसे और, है किरदार से तेरे..!
वर्ना जिस्म बिकते हैं, बाज़ार में लड़की..!!
तू घूम ले दुनिया, मुझ सा मगर आशिक़..!
तुझे मिल नहीं सकता, संसार में लड़की..!!
बचपन से ही तुझसे, मैं प्यार करता हूँ..!
पर था ज़रा कच्चा, इज़हार में लड़की..!!
तू कुछ नहीं कहना, अगर इंकार हो तेरा..!
जा सकती है जान भी, इंकार में लड़की..!!
तेरा सागर तेरा था बस, तेरा रहेगा बस..!
नहीं होना परेशाँ अब, बेकार में लड़की..!!
@iamssr31 ✍️-
Don't follow for unfollow.
.
.
I am an Actor, Writer and Poet.
Following my hearts.
.
FB :- @ac... read more
इश्क़ होता अगर तो कॉल करती..!
बैठे-बैठे ना यूँ ही मलाल करती..!!
अपने बारे में पहले कहती, फिर..!
मेरे बारे में मुझसे सवाल करती..!!
ग़र बात मुझसे ना होती कभी तो..!
रो कर बुरा ख़ुद का हाल करती..!!
मोहब्बत मगर उसको है ही नहीं..!
तो कैसे वो ऐसा कमाल करती..!!
@iamssr31 ✍️-
महीना आख़िरी है ये, इस साल का यारों..!
महीना आख़िरी या'नी, मलाल का यारों..!!
मैंने गर्दिशें देखीं, मैंने देखा पतन अपना..!
अब है आख़िरी समय, ज़वाल का यारों..!!
हर सवाल का मैंने, दिया है कभी जवाब..!
अब जवाब माँगूँगा, हर सवाल का यारों..!!
ये दिन हैं आख़िरी, उसको याद करने के..!
फिर ख़याल रखेंगे, अपने हाल का यारों..!!
मैं प्यार में उसके, बहुत रोया बहुत तड़पा..!
ये रोने का साल भी, था कमाल का यारों..!!
सागर रो चुका जितना, रोना था हिज्र में..!
अब बस मज़ा लूटेगा, विसाल का यारों..!!
@iamssr31 ✍️-
मैं उससे मोहब्बत करता हूँ, दिल-ओ-जान से करता हूँ, हमेशा करता रहूँगा, तमाम उम्र करता रहूँगा. उसे हमेशा इस बात का गुमान रहेगा, कि हिन्दुस्तान के किसी शहर में, एक पागल सा लड़का रहता है, जो उस पर दिल-ओ-जान से मरता है, उससे मोहब्बत करता है, बे-पनाह मोहब्बत करता है. मगर मोहब्बत के बदले मोहब्बत माँगता नहीं है. मैं उससे कभी अपने हिस्से की मोहब्बत मांगूंगा नहीं, मैं सिर्फ उसे मोहब्बत दूंगा. देना मेरे बस में है, तो मैं दूंगा. मुझे उससे मोहब्बत मांगने की ज़रूरत नहीं है. मैं आशिक़ हूँ, कोई व्यापारी नहीं, जो मोहब्बत के बदले में मोहब्बत मांगूं, और उससे कहूँ, कि मैं तुमसे मोहब्बत करता हूँ, तो तुम भी मुझसे मोहब्बत करो. मेरी मोहब्बत के बदले में मुझे मोहब्बत दो. मैं मोहब्बत में सौदेबाज़ियाँ नहीं करता, मोहब्बत में सौदेबाज़ी करनी भी नहीं चाहिए. मोहब्बत में सौदेबाज़ी गुनाह है, और सच्चे आशिक़ गुनाह नहीं करते, वो सिर्फ मोहब्बत करते हैं, अपने यार से वफ़ा करते हैं, तमाम उम्र वफ़ादार रहते हैं. बस मैं भी यही करूँगा, क्योंकि मेरी ज़िंदगी में बस एक ही चीज़ है, और वो है, मोहब्बत, मोहब्बत, मोहब्बत..!
-
दिल की अगर ना काली होती..!
वो लड़की मेरी घरवाली होती..!!
बे-वफ़ा अगर ना होती वो, तो..!
उसकी बहन मेरी साली होती..!!
मेरा वक़्त ना मुझसे रूठा होता..!
तो वो लड़की मैंने पा ली होती..!!
मेरी माँ रखती उसे बेटी जैसे..!
ग़र उसने वफ़ा निभाली होती..!!
वो लड़की होती वफ़ादार तो..!
सागर की रोज़ दिवाली होती..!!
@iamssr31 ✍️-
याद आयी वो लड़की, बड़ी रात भर..!
आँसुओं की लगी थी, झड़ी रात भर..!!
मैंने गुस्से से देखा, उसकी तस्वीर, तो..!
उसकी तस्वीर मुझसे, लड़ी रात भर..!!
रात भर मैं ज़रा सा, भी सोया नहीं हूँ..!
उसके हाथों की देखी, घड़ी रात भर..!!
रात भर उसकी तस्वीर, तकता रहा मैं..!
तो चाँदनी रात मुझसे, चिढ़ी रात भर..!!
रात आयी थी मुझसे, मिलने मोहब्बत..!
मैंने डर कर ना खोली, कड़ी रात भर..!!
करके लाना है उसको, गिरफ़्तार घर..!
सो मैं बनाता रहा, हथकड़ी रात भर..!!
मेरे दिल में जगह जब, मिली ना उसे..!
दर ए दिल पर रही वो, खड़ी रात भर..!!
इश्क़ का रोग सागर, जानलेवा है, तो..!
मैं आज-कल ढूँढ़ता हूँ, जड़ी रात भर..!!
@iamssr31 ✍️-
पूछ रहे हो हाल मेरा, ठीक से पूछो ना..!
रोना है मुझको, अपना, कंधा दे दो ना..!!
मैं तड़प तड़प कर ऐसे, ही मर जाऊँगा..!
हुआ है क्या मुझको, मेरी जाँ बुझो ना..!!
मैंने वफ़ा निभाने में, खूँ थूका है जानेजाँ..!
तुम तो बे-वफ़ा हो, तुम भी खूँ थूको ना..!!
मैं हिज्र में तेरे सागर, होकर सूख गया हूँ..!
तुम तो नदी हो लड़की, तुम भी सूखो ना..!!
@iamssr31 ✍️-
वो जो मेरे लिए, मोहब्बत की मूरत है..!
मुझे उस शख़्स की, बहुत ज़रूरत है..!!
मैं इसलिए भी उसे, बद्दुआ नहीं देता..!
मेरे यारों वो मेरी, पहली मोहब्बत है..!!
शामिल ना हो जिस में, नाम यार का..!
उसे किस मुँह से कहें, कि इबादत है..!!
उसको देखा जब मैंने, साड़ी में आज..!
मेरे दिल ने कहा देखो, ये क़यामत है..!!
मुझे लगता है मेरी, आँखों में पढ़ कर..!
वो कह देगी सागर, तुम्हें इजाज़त है..!!
@iamssr31 ✍️-
मैं देखता हूँ रात भर, तस्वीर उसकी इस तरह..!
ज्योति जैसे आँख से, छिन जाएगी सुबह सुबह..!!
@iamssr31 ✍️-
अपने बाप की ईमानदारी को,
आजकल के बच्चे अपनी बद-नसीबी समझते हैं..!
@iamssr31 ✍️-