Saagar Kashyap   (Saagar)
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Joined 24 March 2020


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Joined 24 March 2020
8 FEB 2021 AT 19:05

Sometimes I'm the one
with colors on palette,
Sometimes the color itself,
red, magenta and scarlet.
Sometimes I'm the artist
with a notion,
Sometimes the paint brush
in the motion.
Sometimes I'm a dream,
the reason to start,
Sometimes I'm the composition,
and the work of art
Sometimes I'm the stroke, sometimes a subtle crease.
And sometimes I'm me,
A perfect masterpiece.

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7 FEB 2021 AT 10:17

तुमने कहा था इक रोज़,
बत्तियां बुझा दिया करो सोने से पहले,
के तुम काफी हो मेरी ज़िन्दगी रोशन करने को,
कल मेरी नींद रात को ढाई बजे खुल गई,
अंधेरा था, डर भी लग रहा था,
पर मैंने बत्तियां नहीं जलाई..

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18 DEC 2020 AT 22:00


"You even looked for me on LinkedIn"
"Such a stalker you are!"
"I mean, who does that?"
She said.
"Well! I don't have to look for you there, I have your LinkedIn now."
He replied.
"Well! You have me now."
She corrected.

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20 SEP 2020 AT 16:25

तुम्हारी आंखें देखी है मैंने,
हकीकत में ही नहीं, सपनों में भी,
सुर्ख काला रंग, किसी काले तिल की तरह,
जगमगाता हुआ
जैसे किसी समंदर में,
दूर कहीं एक रोशनी सी,
नज़र आती,
उस अंधेरे में,
किसी साहिल की तरह,
तुम्हे ढूंढ़ता, तुम तक तैरता, पहुंचता,
तलब तुम्हारी मुझे,
किसी मंज़िल की तरह,
तुम्हारी आंखें चराग है जैसे कोई,
इस घने अंधेरे में,
मुझे राह दिखाती,
धूमिल रास्तों में,
तुम्हारी आंखें,
जैसे मेरा सहारा हो,
जहा कोई नहीं मेरा,
घुटता रहा हूं फासलों में,
पहुंचना है तुम तक,
पाना है तुम्हें,
मेरे हासिल की तरह,
जैसे ज़रूरत होती है किसी को,
जीने के लिए, ज़िंदा रहने के लिए,
मुझे तुम्हारी ज़रूरत हैं,
मेरे दिल की तरह ।
_सागर

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19 SEP 2020 AT 19:16

You were magic I never knew,
Before you turned me into a poet.
So I took you from you,
And turned you into a poetry.

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18 AUG 2020 AT 21:57

तुम पूछती हो तुम मेरे लिए क्या हो,
कैसे कहूं तुमसे की तुम मेरे लिए क्या हो,
ये वो बात है जो लफ्ज़ ना समझा पाएंगे
जवाब इसका सिर्फ मेरे दिल से बयान हो.

कैसे बताऊं तुम मेरे लिए क्या हो,
शायद मेरे पूरी ज़मीन, पूरा आसमां हो,
आसमां के पार भी बसती ही अगर कोई दुनिया,
तुम वो भी हो , और तुम ही वहां हो.

काफिर था एक वक़्त सागर कभी,
आज इबादत भी है और मोहब्बत भी
इबादत की दुआ भी तुम ही हो,
और तुम उस दुआ में मेरी इल्तज़ा हो.

तुम मेरा दिल हो, तुम मेरी जान हो,
जहां जहां मै देखूं , तुम वहां हो
तुम मेरी रूह, तुम मेरी आत्मा हो,
तुम मेरा इश्क़ हो, मेरी लावण्या हो.

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7 AUG 2020 AT 21:33

उसका चेहरा दिल को
कुछ इस क़दर लुभा गया,
लगा पहली बार ऐसा हुआ,
की कोई सागर को डूबा गया..

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16 JUL 2020 AT 10:57

If you're not the rainbow,
I don't want to see colors,
If you're not the rose,
I don't want to know any flowers.
If you're not the poem,
Then I'll not do any poetry.
If you're not my present,
I, better be a history.

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11 JUL 2020 AT 12:15

रोशनी भी नहीं, हवा भी नहीं,
मेरी माँ सा नेमुल बदल;
खुद ख़ुदा भी नहीं।

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26 JUN 2020 AT 23:18

उसके दिल के पास एक काला तिल था तो ज़रूर,
पर सोचा नहीं था उसका दिल भी उसकी ही तरह काला होगा...

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