दिल के इक कोने में तेरी यादों का अंबार पड़ा हैं,फ़ुर्सत की किसी रोज़ सोचेंगे, इनका क्या करना हैं.. -
दिल के इक कोने में तेरी यादों का अंबार पड़ा हैं,फ़ुर्सत की किसी रोज़ सोचेंगे, इनका क्या करना हैं..
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किसी से इतनी करीबी भी अच्छी नहींजो सबसे दूरी बनाने पर मजबूर कर दे -
किसी से इतनी करीबी भी अच्छी नहींजो सबसे दूरी बनाने पर मजबूर कर दे
मेरी नज़रंदाजी को अगर तुम समझ पातेतो शायद आज मुझसे उतने खफ़ा ना होते -
मेरी नज़रंदाजी को अगर तुम समझ पातेतो शायद आज मुझसे उतने खफ़ा ना होते
तेरी आरज़ू में, ये भी जाना हमनेकि मुहब्बत के भी उसूल होते हैं.. -
तेरी आरज़ू में, ये भी जाना हमनेकि मुहब्बत के भी उसूल होते हैं..
भूलता ही नहींनक़्श तेरा इन आँखों में, कुछ ऐसा रह गया हैंइक मुद्दत के बाद भी, दिल हैं कि भूलता ही नहीं -
भूलता ही नहींनक़्श तेरा इन आँखों में, कुछ ऐसा रह गया हैंइक मुद्दत के बाद भी, दिल हैं कि भूलता ही नहीं
मंजिल तो एक न एक दिन मिल ही जाएगीक्यों न तब तक सफ़र का ही मज़ा लिया जाए -
मंजिल तो एक न एक दिन मिल ही जाएगीक्यों न तब तक सफ़र का ही मज़ा लिया जाए
तुझसे नाराज़ नहीं..ऐ ज़िन्दगीहैरान हूँ मैं..तेरे मासूम सवालों सेपरेशान हूँ मैं.. "गुलज़ार" -
तुझसे नाराज़ नहीं..ऐ ज़िन्दगीहैरान हूँ मैं..तेरे मासूम सवालों सेपरेशान हूँ मैं.. "गुलज़ार"
तन्हा लगने लगा अब ये सफ़र इस गुमनामी में चलते-चलतेहैं तलाश जिस मंजिल कीक्या पता मिलेगी वो कहाँ..गैर-सा लगने लगा अब ये शहरइस हसीं सांझ के ढलते-ढलतेहैं तलाश जिस हमसफ़र कीक्या पता मिलेगा वो कहाँ.. -
तन्हा लगने लगा अब ये सफ़र इस गुमनामी में चलते-चलतेहैं तलाश जिस मंजिल कीक्या पता मिलेगी वो कहाँ..गैर-सा लगने लगा अब ये शहरइस हसीं सांझ के ढलते-ढलतेहैं तलाश जिस हमसफ़र कीक्या पता मिलेगा वो कहाँ..
फिर भीतुमसे मिलने कीइक ख़्वाहिश दिल में दबी हैं कहीं.. -
फिर भीतुमसे मिलने कीइक ख़्वाहिश दिल में दबी हैं कहीं..
तुम्हें तोमिल ही जाएगा हमसे बेहतर कोईपरशुक्र करना ग़र हमें भुला पाओ... -
तुम्हें तोमिल ही जाएगा हमसे बेहतर कोईपरशुक्र करना ग़र हमें भुला पाओ...