गर समर्पण भाव दृढ़ता नहीं है प्रयास में
कठिन परिश्रम से ही हासिल होता है लक्ष्य
व्यर्थ समय मत व्यतीत करो किस्मत की आस में-
डिजिटल वर्ल्ड में बस Erotic ... read more
रण क्षेत्र से डर कर भागोगे
तो भी मारे ही जाओगे...
अंतिम सांस तक लड़ते रहो
जीने की जिद्द पर अड़ते रहो....
युद्ध वीर हो तुम कर्तव्य पथ के
अपने पराक्रम से ही विजय पाओगे...
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वो तलब जिसमें मेरा सकून बसता है
एक तो तुम हो
और दूजा चाय का प्याला
दोनों में मेरे दिल का जुनून बसता है-
अल्फाजों के पंख लगाकर
जाने किस दिशा में उड़ गए
मेरी कल्पना के पंछी...
कलम खामोश है
स्न्याही सुखी है
एक खालीपन से बोझिल है
कागज का वजूद....
कोई कहानी नही
कोई कविता नही
आज जज्बातों की
महफिल में मौजूद....-
अपने जज्बातों से
अपने एहसासों से
जिंदगी को खूबसूरत
बनाना पड़ता है...।
चाहे कितने ही
कांटे हो राहों में
पैर छलनी हो
फिर भी मुस्कुराना
पड़ता है...।
यहीं जीने का उसूल है
अपने जख्मों को
फूलों से सजा कर
जिंदगी को महबूबा
बनाना पड़ता है....।
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वो जो दास्तां शुरु होने से पहले ही खत्म हो जाती है
कोरे कागज़ पर बेवजूद सी खुद में तन्हा रह जाती है
कोई आगाज नही कोई अंजाम नही बस बेमजिल सी
वो दास्तां बेजिक्र सी खुद को ढूंढती ही रह जाती है-
उन पलों में ही जागृत हुई ज़िंदगी में
इबादत ए इश्क की रहनुमाई दिल पर
वो पल जिंदगी में बहुत खुशनसीब थे-