’काश’ ऐसा हो जाता
’काश’ वैसा हो जाता
इसी गफलत में
जाने जिंदगी में
कितने हो चुके
किस्से दास्तां
कही खो गए
जिनका जिक्र भी नही
’काश’ की इस अधेडबुन में-
डिजिटल वर्ल्ड में बस Erotic ... read more
कब तक खुद को इश्क की
नज़रों से छुपा कर रखोगे...
किसी को दिल अपना दे कर
बात खत्म क्यों नही कर देते...-
मन को जरा सम्भाला करो
विचारों के दायरे में कैद रहकर
बेचैन हो जाता है
स्वच्छंद उड़ान के लिए
अपने घर से कभी निकाला करो-
नशा शराब का होता तो उतर जाता
ये तेरी खुमारी थी, जो मेरे दिल
मेरी धड़कन, मेरी सांसों ,मेरे जज्बातों में
इस कद्र ठहर गई
की तेरे बिना जीने की तमन्ना ही
अब इस दिल से मर गई
-
जिस्म शांत होगा तो रूह भी शांत होगी
यही सोच कर आज जिस्म के बाजार में चला आया वो शख्स
आसक्ति में डूब कर भक्त मन को शांत करने के लिए-
जब हद से गुजर जाती है
बदनाम हसरतें
तो हसीन खताओं के सपुर्द
जिस्म को कर जाती है
बदनाम हसरतें
-
इस दुनिया में जो आए हैं वह सब विलक्षण गुणों से संपन्न है
बस खुद को सिद्ध करने के लिए असाधारण कर्म योग साधना करनी पड़ेगी-
पत्थर की तरह
था मेरा वजूद
खुद को तोड़ तोड़ कर
अपनी हसरतों का जहान
पाया है मैंने।
यह गर्दिशें समय की
बताएगी तुम्हें
मेरी कहानी
खुद को कितना
आजमाया है मेने।-
मेरे कभी ना टूटने वाले हौसलों पर
प्रश्न चिन्ह लगाते थे यह बेवजूद से लोग
अब बाट कर मुझको टुकड़ों में
मेरी खैरियत पूछते हैं यह बेवजूद से लोग-