S@mBīt bÎh@Rí   (s@m...🖋️)
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अफसोस है मुझे सिकायत नहीं .... ।
तू पा ले मुझे , ये तेरी किस्मत नहीं .... ।।
Joined 5 September 2018


अफसोस है मुझे सिकायत नहीं .... ।
तू पा ले मुझे , ये तेरी किस्मत नहीं .... ।।
Joined 5 September 2018
15 OCT 2021 AT 15:09

सिद्दत-ए-मोहब्बत की बातें न पूछ
ये इश्क बस धुएं का नजारा है
मेरे दोस्त ! जिन गलियों की तुम अर्जी दे रहे हो
उन गलियों में हमने सदियां गुज़ारा है

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12 OCT 2021 AT 21:20

एक तू ही साथी है तन्हाई की
साथ तेरे ! ओ तन्हाई मेरे
हर सफर यूंही कट जाएगी

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10 OCT 2021 AT 11:04

कमी तालाश न कर खुदमे तू
चंद में भी दाग है
झोंक दे खुदको न सोच इतना
ये दुनिया एक आग है
हौसले हैं लोहे सी बुलंद तो
हतियार बन के तू निखरे गा
जो दर गया एक पल के लिए भी
तो राख बन के तू बिखरे गा

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9 OCT 2021 AT 20:03

राहों में वाकई ही कांटे हैं या खुदा ने बिछाया इन कांटों को
न जाने खुदा हमसे खफा है या किस्मत ही हमारी मारी है
एक पल का वक्त नहीं मिल रहा हमें खुद से बातें करने को
सुबह से लेकर सुबह तक हर पल जिंदगी की तलाश जारी है

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8 OCT 2021 AT 14:13

जो कुछ भी कौशल है मुझमें
वो, नीलाम हो रहा बाजार में
वक्त को अपने बेच दिया है
चंद पैसों की पगार में
सैर करना था दुनिया सारा
जिस उम्र में हम जिम्मेदार हुए
बस खुदा से ये एक दुआ है
मेरे हालात वो सुधार दे

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7 OCT 2021 AT 21:25

हर सपने बचपन के यहां से धुंधले दिखते हैं
जिंदगी की जिस मुकाम पे हम है, वहां सब बिकते हैं
घर के अकेले बेटे हैं, सब संभालते हैं अकेले
लगता है जिंदगी के जंग में हम कायर निकले

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6 OCT 2021 AT 22:29

आसमान की उड़ान तुम भर लो
हम ज़मीं पे ठीक हैं
पंख हो न हो पर
तेरे हालात ठीक हैं
घर संभालने की अब उम्र हो गई है मेरी, और
ठहरे हुए लोगों ने नसीहत दी है
जिंदगी की दौड़ में भागते रहना ठीक है

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5 OCT 2021 AT 22:14

ज़रा वक्त मिले तो खुदसे गुफ़्तगू कर लूं
कुछ अपनी कहूं, कुछ खुदकी सुन लूं
जिंदगी रुकी नहीं और अब वक्त आया है
अरमानों को अलविदा किए, में जिम्मेदारी चुन लूं

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4 OCT 2021 AT 9:36

अब तक पापा ने संभाला है मुझे
अब व उम्रदार होने लगे हैं

हम घर के लड़के हैं जनाब
अब हम जिम्मेदार होने लगे हैं

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4 OCT 2021 AT 9:13

कल का दिन अच्छा होगा ...
इस झूठे दिलासे में रात गुजर जाती है ...!

तुम क्या समझोगे खुदा ...
नाकामयाबी में जिंदगी कैसे बिखर जाती है ...!

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