ऐसा कैसे खाते रहना ,अभी - अभी तो किया था नाश्ता
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अपने विचारों और अपने कर्मों से
हम ही ख़ुद अपना जीवन चलाते हैं,
कौन लेगा फैसले हमारे लिए
हम ही ख़ुद अपने काम आते हैं ।-
मुश्किलों में जो साथ माँगना पड़े
क्या उसे सच में साथ कहते हैं ?
बेखबर हैं मुझसे वो सब लोग ,
जो साथी होने का दावा करते हैं
बीत जायेगा ये भी वक़्त ही तो है
जैसे ज़ख्म वैसे मरहम भी तो रहते हैं
स्याह रात के बाद सहर का उजाला है
उम्मीद से तो अरमां भी ज़िंदा रहते हैं
इल्ज़ाम दे दो कुछ भी अपनी तसल्ली के लिए तुम
क्या फर्क पड़ेगा उनको जिनके दामन पाक रहते हैं-
it's the time when nature
wraps itself in a blanket with
minimal chromes
and maximum silence-
बहता पानी लिए हुए अलग रवानियाँ
बहता जाए समंदर तक
जाने कितनी कहानियाँ खुद में समेटे
पृथ्वी के अंतिम छोर तक जाने को आतुर
उड़ जाएगा एक दिन बनकर धुआं
किसी आसमां का हिस्सा होगा
फिर बरसेगा धरती के किस कोने में
घोले हुए ख़ुद में फिर कुछ और कहानियाँ-
Distance is a teacher
that always give you
the chance to know your worth
Distance is a teacher
that show you a way
to explore your talents
Distance is a teacher
that offer you a vision
to see the other side of the situation-
फाटक पर लटके ये ताले और काई से ढके रास्ते
बता रहे हैं जाने वालों का वापसी का इरादा नहीं
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लड़ने का हुनर मौजूद होता है हर शख़्स में पैदायशी
गिर्दाब ज़िंदगी में हर मोड़ पर ज़रूरी है बताने के लिए-
ख़ुद-ए'तिमादी को बना साथी कदम दर कदम चलते जाओ
हौसले का रखो अब सहारा मंजिल की तरफ़ बढ़ते जाओ
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