Baba Saheb..
गुलामी के दर्द में मौन पुरी कौम थी
दर्द मिटाने कौम के जन्मा एक मसीहा था
गले में हांडी, पीठ पर झाडू ...
जिल्लत सा सबका जीवन था
सन 1891 में बाबा साहेब का जन्म हुआ
जीवन भर संघर्ष किया, लोगों से अपमान सहा
जात-पात, ऊँच नीच असमानता का भेद सहा
ज्ञान का दिप जलाकर सबका जीवन रोशन किया
शिक्षा की राहें खोली तो समानता का आभास हुआ
शिक्षा का हथियार दिया , पढ़ने का अधिकार दिया
भारत को संविधान दिया,
सबको समानता का अधिकार दिया
भेद भरे धर्म को त्याग दिया, दलितों का जीवन स्वर्ग किया
ज्ञान का प्रतीक है, भारत रत्न स्वीकृत हैं
वो महामानव कोई और नहीं बाबा साहेब अम्बेडकर हैं ।
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