जब वह SSC की तैयारी करती थी तब वह केवल महीने में एक बार मिलती थी सुना है अब UPSC की तैयारी शुरू की है अब तो मुझे भी लगने लगा है कि जिंदगी मोह माया है इसलिए इश्क छोड़, इलेक्शन की तैयारी शुरू कर दी है
आजकल इलेक्शन के इतने चर्चे हैं कि हमारा इश्क भी फीका पड़ गया है इलेक्शन में समझ नहीं आ रहा कि वो इश्क हमसे करती है कि पार्टी से और हम यहां वोटर आईडी बनवा रहे हैं उनकी याद में
इस बार इलेक्शन में कोई 400 की गारंटी दे रहा तो कोई 250 की गारंटी दे रहा हमारा क्या है हमारे पास तो 001 ही थी अब वो भी छोड़ कर चली गई इसलिए अब तो नंबरों पर भी भरोसा ना रहा
इलेक्शन और ईश्क आजकल एक जैसा हो गया है इलेक्शन में हारने से ज्यादा दूसरे के जीतने पर दर्द होता है इश्क में उनके बेवफ़ाई करने से ज्यादा उनको किसी और से फिर इश्क हो जाने पर दर्द होता है
मेरे शब्दों के रंग, तेरे चेहरे को यूं स्पर्श करके कुछ पुरानी यादों को फिर से याद दिला आये । कि रंगो के इस त्यौहार में ... रंगभरी जिंदगी भी होती है जो कुछ दूर होते हुए भी.... दिलों को पास ले आये ।।