S. Bhaskar   (भारतीय सम्राट)
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Joined 28 July 2018


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Joined 28 July 2018
13 JUL AT 21:53

बिहार का युवा गुम है

जहां राज्यों में होड़ है ऊंचे होने का,
बढ़ने का और विकसित होने का,
जिनके घरों में घर का चिराग रहता है,
पड़ता और बढ़ता रहता है,
हम बताते है बाते बिहारी की,
शहरों में बसे एक नगरी की,
बचपन सरकारी स्कूलों के बस्ते ढोते है,
खिचड़ी भात खा कर भूखे सोते है,
होश संभाल कर ये काम पर लग जाते है,
घर की जिम्मेदारी सिने पर जग जाते है,
चांद सितारों की बाराती जगमग रौशनी में,
तड़के भोर निकल जाते है नौकरी में,
हे बिहार ! क्या हाल तुम्हारा हम कहें,
क्या कर्ज तुम्हारा क्यों पानी बनें,
युवा जिनकी कंधों पर भार तुम्हारा,
ले रहे है वो नशे का सहारा,
जो जिम्मेदार है घर के प्रति विकास को,
भाग रहे है कही और रोजगार को,
शराब बंदी से बड़ा फायदा हो गया सरकार को,
अब नहीं सपने किसी के यहां पर साकार हो,
शराबी से बढ़कर हिरोईंची हो गए है,
हे बिहार तेरे युवा कही खो गए है,
जो बच गए थे वो कई राज्यों के हो गए है।

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3 JUL AT 21:22

कभी डर से डर गए तो क्या होगा?
जो घर से बाहर गए तो क्या होगा?
वैसे तो सब सच्चे और अच्छे है,
पर सब अच्छे हो गए तो क्या होगा?

मरहम गहरा है तो चोट क्या होगा?
इंसानियत जहर है तो इंसान क्या होगा?
कहने को तो शहद में जीवन गुजर जाएगा,
पर सब शहद हो गए तो क्या होगा?

मेहनत जरूरी है तो नाकामी क्यों है?
संपत्ति सब अपनी है तो बेनामी क्यों है?
सिक्को की खनक मदहोश होती है,
पर सब अमीर हो गए तो अमीरों का क्या होगा?

जंगल में पतझड़ की शाखाएं क्यों है?
बेवफाई पर झुकती वफाएं क्यों है?
वफ़ा की कीमत बड़ी सस्ती हो गई है,
सब वफादार हो गए तो वफादारों का क्या होगा?

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24 JUN AT 5:38

धोखा
मेरा दोस्त मेरे यार का है,
यही आलम आज बाजार का है,
शर्मिंदगी का मंजर महज किताबी है,
प्यार में मतलब और मतलब प्यार का है।

मेरा जमीर बिकने लगा खरीदार कौन है,
मेरे कत्ल के सब गवाह है पर सब मौन है,
मुझे मेरे नसीब का मिल नहीं पाया है,
मेरा वक्त देखो कहां लेकर आया है।

मुझे खुदा के घर का राह अपनों ने दिखाया,
दोस्त बन के दुश्मनी बाखूब निभाया,
अब अपनों के होने से डरता हूं,
अब अनजान सफर में अकेला रहता हूं।

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18 JUN AT 10:19

औरत

सब तेज देखते है चेहरे के ऊपर,
बेतरतीब नसीब है इस कहर में,
सब झेल लेती है अपने ऊपर एक औरत,
सबकी आंखे गिरवी है इस नगर में।

मां ममता को कई परतों में लपेटी है,
प्रेमिका प्रेम में सुध बुध खो बैठी है,
है बैठी चौराहे पर जो अधर बेचती,
मजबूरी सब खुद में समेटी है।

ये वो हथियार है जो घर काट कर रख दे,
प्रेम और हक सब बांट कर रख दे,
बचाने पर आए तो यम तक बचा ले,
वरन नरक स्वर्ग सब यही बना दे।

सीता बन राम को भगवान कर दे,
कैकई सा सब शून्य में विलीन कर दे,
काली का रूप ले सर्वनाश कर दे,
या सरस्वती बन विद्या का दान भर दे।

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29 MAY AT 7:13

आफतों का समा है,
घाव गहरे लगे है जिस्म पर,
सुकून मिलता कहां है,
जर जिस्म जिगर लगा हैं दाव पर।

मुझसे न पूछो कि पूछना क्या है,
मैं क्या कहूंगा कि कहना क्या है।

दर बदर बेघर बंजर सब जर जर है,
राहों में बरगद बबूल काटें भर भर है,
हथियार कत्ल करने को बिखरा घर घर है,
कातिल शातिर बागी जोगी सरबर है।

काल की लाल लपटों में लज्जा है,
कहीं किस्मत पर किया किसने कब्जा है,
सब बिक गया कहां कुछ बचा है,
सब समेट कर देखा किया क्या क्या खर्चा है।

बाकी सब तो चल चल के निकल गया है,
बारिश की रेत हाथों से फिसल गया है,
संभाल लो मैं डूब कर तर जाऊंगा,
टूट के फिर से मैं संवर जाऊंगा।

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21 MAY AT 7:08

प्रेम को परिभाषा तुम क्या जानो,
कौन सा तुमने कभी प्यार किया है,
हवस मिटानी थी तुमको जिस्म की,
हर जिस्म को तुमने लिबास किया है,
तोड़ दिया ख्वाब तो क्या बुरा किया,
मेरा था ही क्या जो तुमने चुरा लिया।

जो तुमको देख लिया क्या बाकी अब देखना है,
जो जो तुमने छुआ बस वही तो फेकना है,
काट देता अपने हर अंग को आरी से,
पर इश्क की हैवानियत भी तो देखना है।

तेरे इश्क की कहानी तो हर गली में जिंदा है,
हर मोड़ पर एक आशिक और बाशिंदा है,
इतने यारों ने तुझे चाहा है कि क्या कहें,
जिस्म का हर अंग तेरा होने से शर्मिंदा है।

तेरे चेहरे पर कई हाथों के निशान है,
कपड़ों के चीथड़े में दिखती तेरी शान है,
तू तो हर किसी की बन गई जान है,
फिर भी काहे सोचे तो सावित्री महान है।

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19 MAY AT 16:58

सच झूठ

शकल से भोली पर सीरत है तेज,
मासूम सी गुड़िया भीतर हैरतंगेज,
मोहित होते है ऊपर से जाननेवाले,
काम जिसके है हैवानों वाले।

वो मां है जिसमें मोह दया नहीं,
ममता का अंश और माया नहीं,
जिसको तुमने सोचा पाक साफ होगी,
सौ गुनाह कर के गंगा नहाई होगी।

बोली आचरण से सबका मन मोहने वाली,
अनगिनत नौटंकी और झूठे नखरे वाली,
प्रेम दिखा कर विभीषण वार करने वाली,
ऊपर से मासूम भीतर से डायन करने वाली।

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19 MAY AT 15:03

मेरी जिंदगी है

मेरे रातों का है तू सितारा,
सुकून भरा है तू पिटारा,
तेरे ही मुट्ठी में कहानी है,
बस यही बात तुझको बतानी है,
मेरी कहानी का हिस्सा है,
तू एक प्यारा सा किस्सा है,
मेरी बंदगी है,
तू मेरी जिंदगी है।

तेरे हाथों पर बिखरी मेहंदी हूं,
तेरे जोड़े पर सजती बिंदी हूं,
मुझको अलग कैसे करेगी तू,
तेरे लिबासों में पड़ी सिलवट हूं।

मेरे हर सुबह तेरे पलकों में हो,
शाम घिरे तेरे ही जुल्फों में,
रात गहरी तेरे नजरों में हो,
मेरी महक हो तेरे गजरों में।

तेरे इश्क में मुझको खो जाना है,
तेरे ही ज़िक्रों में मुझको आना है,
दिल में तेरे मुझको बस जाना है,
ये ख्वाब हकीकत कर के दिखाना है,

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19 MAY AT 14:23

मेरी खाता तो बता

कैसी खता हो गई है मुझसे इस दफा,
ना मंजिल मिली ना राहों का फलसफा,
मुझसे तू क्यों है इतना खफा,
ऐ खुदा, ऐ खुदा तू मेरी खाता तो बता।

जिन राहों पर सबको मिला तू,
मुझसे ही क्यों रहे शिकवे गिला क्यूं,
समंदर सा खारा स्वभाव तेरा रहा,
मेरी गलती मुझसे क्यों न तूने कहां।

कब्रों पर लिखी थी मंजिल मेरी,
भागता रहा सुनी न दिल की कभी,
जलती चिता पर रखी थी सांसे मेरी,
तपता रहा किया न उफ्फ भी कभी।

तेरी खुदाई तुमने ही तो चलाई है,
सच झूठ तुमने ही तो बनाई है,
तेरा इश्क ज्यादा या मेरा गुनाह ज्यादा है,
बता तो दे कि तेरा क्या कायदा है।

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15 MAY AT 16:36

I can heal or handle everything,
You can smell the freshness of my winning,
No one can handle me better than myself,
I am the master and i am the only slave.

Someday you know me and my attitude,
I am innocent with little bit rude,
The gold is now stollen by someone,
The remaining is worthless or poison.

You create circumstances for my desaster,
But i step outside everytime because i am a master.

My god will see all the ups and downs,
My kingdome and my crown,
But for you no wone will rise ever and ever,
For you i am the devil for you ever and ever.

You dont have any value in the society,
Nor the animal have so much variety,
You are famous for fake faces or mask,
Lies and inappropriate task,

I am Bhaskar king of light,
You doesn't so much bright,
My shining will hide your darkness,
You are the unknown mistress.

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