राम राम कहने वाले हर दुख पार करते आए हैं,
सतयुग चाहे कलयुग, रावण सदा हारते आए हैं।।-
Joined YQ - Jun 29, 2018
अच्छा तो तुम मुझे समझने की कोशिश कर रही हो ?
कुछ जान जाओ तो मुझे भी बताना मेरे हाल क्या हैं।-
मोम सा पिघला रही हैं मेरे दिल को यादें तेरी,
बारिश के मौसम भी तुने आग लगा रखी है।-
दीदार तुमारा संयम को जिस ज़मीं पर हो गया,
फिर वो टुकड़ा ज़मीं ना रहा फिरदौस हो गया।-
मेरे दिन आजकल ढलते नहीं और जागती रात रहती है,
लगता है की जैसे तुमसे कहनी कोई बात रहती है।-
अब भला इश्क करूं भी तो कैसे उस से,
जिसकी एक झलक से दिल बैठ जाता है।-
तुम सादगी से ही पेश आया करो हमसे,
ज्यादा बनावटी चेहरे हमें रास नहीं आते।-
किसी ने टूट कर हमें चाहा ही नहीं,
वर्ना ये चांद सितारे हम भी तोड़ देते।-
ज़िंदगी की किताब में सब बड़ा ही अजीब सा होता है,
कभी कभी "कुछ नहीं" का मतलब भी "बहुत कुछ" होता है।-
उसने अच्छे से समझाया था कि ज़िंदगी में सब कुछ नहीं मिलता,
लेकिन संयम अजमाइश भी उसी पर से होगी ये मालूम न था।
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