मुझे सुबह पसंद है क्योंकि यह प्रगति का पथ प्रदर्शन करती है,परंतु मुझे शाम भी अत्यंत प्रिय है, क्योंकि यह हमारे जीवन में संतुलन को बनाए रखती है। और उनलोगों को यह संदेश देती है कि अपने हद में रहे जो क्षणिक सफलता या ऊॅंच्चाई पाकर बेकाबू हो जाते हैं।और यह भूल जाते हैं कि सबका अंत अवश्यंभावी है।
मुद्धतों बाद आज किसी के लिए दिल में कम्पन हुआ, एक अरसा बाद फिर एक चित्र नयनाभिराम लगा, उसे देखने के बाद न चित्त स्थिर न दिल को आराम मिला, लाख न चाहते हुए और ऑंखें बंद करने पर भी उसकी स्वर्णिम कान्ति का ही दिदार हुआ।