साल बीत गए
खस्ता हाल बीत गए
गिले-शिकवे मतभेद छोङो
जीवन के एक साल और बीत गए।
ये साल आपके साथ रहा बेमिसाल,
यूँहीं बीते हमारा हर साल,
पूरे हों आपके हर मनोरथ,
ईश्वर रखें हर हाल खुशहाल।
नव वर्ष में नव चेतन नित्य निरंतर प्रयत्न,
नव उत्साह नव संकल्प कठिन यतन,
हासिल करना हो यदि नव कीर्तिमान,
करना होगा हर मन, कर्ण नयनप्रिय भावनाओं का शमन।-
आपको यह जानकर तकलीफ तो होगी कि आप में मेरी कोई विशेष रुचि नहीं है, लेकिन मैं इतना आश्वस्त कर सकता हूं कि आपके आने के बाद मेरी किसी और में रुचि नहीं होगी।
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खूशबु गुरुवर की मौजूदगी का, प्रतिक है रोग, बला और असुरक्षा की गैर-मौजूदगी का।
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चाहत अब इबादत बन गयी है,
बगैर उसके जीना अब आदत बन गयी है,
इसे मजबुरी या प्रेम की पराकाष्ठा समझें,
जो कभी प्रेमिका थी अब पुज्य बन गयी है।
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वफाई भी हमीं करते रहे,
तोहमत भी मुझ पर ही लगे,
सारी ज़हमतों को सहकर भी,
बेवफ़ाई के तमगे मुझे ही मिले।-
सिकायत के बहाने ही सही ये आंगन गुलज़ार तो हो, वकील जज मुद्दा सब आपका कबूल, इसी बहाने आगाज तो हो, चाहे उम्रकैद मुझे मुकर्रर हो इसी बहाने आपका दीदार तो हो।
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बेबसी किसान की,
लाचारी जवान की,
बेरोजगारी छात्र की,
अदाकारी रिश्तेदार की,
कालाबाजारी व्यवसायी की।-
बढाओ सहमे हुए कदम,
चलते रहे निरंतर जतन,
थके न रूके करे प्रयत्न,
मेहनत से उपजी फल ही हमदम।-
डुब गये,
उमंग के लहरें डुब गये,
तेरे गोद में आखरी सासें लुँगी
कहने वाले के वादें हया डुब गये।-