फूलों से अब उतना ही लगाओ है मुझे
जितना कभी तुमसे हुआ करता था यहाँ।-
// Believe in living life rather than just talking about living //
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हम बस अब कहने को ही नहीं कहते हैं
हम जब निभाते हैं तो बस निभाते चले जाते हैं।-
मेरे हौंसले कम नहीं थे
बस मेरी लड़ाई ही मेरे अपनों से थी।
कि उसका जाना मुझ पर यूं असर कर गया
कि बाद उसके बस फिर मैं कभी घर नहीं गया।-
खुद ही में गुम तलाश खुद की कर रहा हूँ
मैं कुछ दिनों से इस ही जादो जहद में मुबतला हूं।-
Real world se pata nahin kab reel world main busy ho gye
Pata nahin kab Rishte reet ki tarah hathon se phisalte chale gye ..-
उसका ना आना जब अब तह है
तो फिर ये इंतजार क्यों कम नहीं होता।
ये कैसा इंतजार है जो अब खत्म ही नहीं होता
और ये कैसा इश्क है मेरा जो कम ही नहीं होता।
कहीं भी बैठ बस उसका आने का इंतजार करना
जो नहीं शहर तक उसका वहां भी उसका ही इंतजार करना।
लोग कहते हैं भूल जा उसे
पर वो कैसे होता है ये मुझे क्यूं समझ नहीं आता।
कि मेरा ही इश्क अधूरा था या अधूरा इश्क यह हमारा है
बस यही सवाल के लिए हर नए शहर में इंतजार उसका है।-
बहुत कुछ छोड़ रखा है तेरे भरोसे अब ये वक्त
कि इस बार जो तू आए तो सब लेते हुए आना अब ए वक्त।-
नहीं मालूम क्यों मुझे यूं लगता है काई बार यहां
कि टाल कर सवाल मेरे तुम्हें अंजान बना रहना है यहाँ।-