उनके नन्हें से हाथों को खिलौनों की नहीं
काम की खोज है....
भोली सी आंखों में सपनो की ललक नहीं
जिम्मेदारियों का बोझ है!!😶🙌
--- रूपाली ✍🏻
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दोस्ती शब्द से नफ़रत हो जाना
महज इत्तेफाक नहीं था
किसी ने बड़े बेगैरत तरीके से
मुझे मुझ पर ही शर्मिन्दा होने
पर मजबूर कर दिया था..!!-
I luv this feeling of isolation so much...
that now I do whatever I can to avoid people's company...
and I think that's really a great feeling!!
Now I hardly have space for everyone,
very selected human beings have access to me.
I can nicely talk to everyone,
but when it comes to choose....
I'll most probably choose isolation
instead of humans company (sometimes some exceptions)
I luv being with Rupali(me🌜😂)!
I think that's awesome!?-
दोस्ती में आप एक बार हमारी नज़रों से
उतर कर दिखाइए तो सही
कसम से हमारी ज़ुबान भी फिर आपका नाम नहीं लेगी,
ये दिल तो दूर की बात रही....
वो बात अलग है कभी दिमाग़ में हमारे
कुछ गलत होगा नहीं
लेकिन मंजिलें यूं अलग हो जाएंगी
जैसे कभी एक थी ही नहीं!!
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विचारों में लचीलापन होना
और विपरीत विचार का सम्मान करना
यही शिक्षित व्यक्ति की पहचान है-
जब उस मासूम को देखा
धूप में गुब्बारे बेचते...
अंदर ही अंदर जल सा रही थी,
जैसे कोई बेबसी की आग सुलग रही थी...
आज पहली बार चाय की टपरी पे
सुकुन गायब सा और चाय फीकी सी लग रही थी..!
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अल्फ़ाज़ नहीं पास मेरे
जो मैं हर किसी को साफ साफ़ जता सकूं
एक अजीब सी बैचेनी है ...
कमब्खत इस दिल का हाल बता सकूं
सबके दिल की सुनी... पर कभी लगा नहीं कि
किसीको अपने दिल की भी सुना सकूं...
शायद मेरी ज़िन्दगी में वो औधा किसीने लिया ही नहीं
जिसे ये अस्पष्ट सी तेज चुभने वाली गूंज सुना सकूं..
जो कभी अल्फ़ाज़ न समझे..वो क्या भावार्थ समझेंगे
ख़ैर छोड़िए......मित्र-भाई-बहन सगे सम्बन्धी सब बहुत अच्छे हैं,
शायद मुझे ही नहीं लगा...कभी किसीको अपने दिल की समझा सकूं!
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जब वादे गैरों से किए...साथ तो तब भी निभाया है
फिर कैसे छोड़ दूं साथ 'अपना'...कुछ वादे तो खुद से भी हैं मेरे!-